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    In Pics: जीवन बचाने की आस में जीतोड़ प्रयास, जम्मू संभाग में बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभियान चला रही सेना की दो कमानें

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 02:38 PM (IST)

    जम्मू संभाग में बादल फटने से प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना बचाव कार्य में जुटी है। किश्तवाड़ और कठुआ में बादल फटने के बाद सेना की पश्चिमी कमान की टीमें भी मदद कर रही हैं। सेना मलबे में फंसे लोगों को बचाने और राहत सामग्री पहुंचाने का काम कर रही है। कठुआ में रविवार को बादल फटने से आई बाढ़ से सड़कों को नुकसान पहुंचा है।

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    सेना हेलीकॉप्टरों से राहत कार्य कर रही है और घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।फोटो: सेना।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू संभाग में बादल फटने से प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना के जवान मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं।

    किश्तवाड़ के चशोती गांव के बाद कठुआ जिले में तीन जगहों पर बादल फटने की घटना के बाद प्रभावितों की मदद के लिए सेना की पश्चिमी कमान की टीमें भी मैदान में आ गई।

    दोनों कमानें इस समय प्रभावित इलाकों में बहुमूल्य जानें बचाने की मुहिम पर हैं। चशोती में तीस घंटे के बाद मलबे से लंगर संचालक को जिंदा निकाले जाने से राहत अभियान चला रहे सेना, सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है।

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    कठुआ में भारतीय सेना की टुकड़ियों ने बादल फटने के बाद कई कीमती जानों को बचाया। समय रहते बचाव कार्य चलाकर कई परिवारों को बचा लिया। उनके लिए भोजन व अस्थायी तौर पर रहने का प्रबंध भी किया।

    इस समय दोनों कमानों के वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित इलाकों में डेरा डाल कर बचाव एवं राहत अभियानों को तेजी दे रहे हैं। कठुआ जिले में रविवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने सड़कों को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

    कठुआ जिले में बादल फटने की घटनाओं में अब तक साल लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में प्रभावित इलाकों में सड़क मार्ग से पहुंचना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में राहत कार्याें को तेजी देने के लिए सेना द्वारा इस समय हेलीकाप्टरों को इस्तेमाल किया जा रहा है।

    अचानक आई इस बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन व बाढ़ आने से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। ऐसे में इंजीनियर टीमों के साथ सेना की राहत टुकड़ियां जोध खड्ड व बागड़ा गांव में डेरा डाले हुए हैं।

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    नागरिक प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस व एसडीआरएफ के साथ समन्वय बनाकर राइजिंग स्टार कोर की टीमों ने फंसे हुए परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ उनके खाने व पानी का बंदोबत किया। प्रभावितों को अस्थायी आश्रय दिए गए हैं।

    जम्मू के पीआरओ डिफेंस ने बताया कि सेना की टीमें इस समय स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ मिलकर घायलों को स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं। इसके साथ भारी मशीनरी से लैस इंजीनियर टुकड़ियाँ अवरुद्ध मार्गों को साफ़ करने और महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।

    उन्होंने बताया कि भारतीय सेना के हेलीकाप्टरों से प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने के साथ घायलों को हेलीकाप्टर से पठानकोट के सैन्य अस्पताल पहुँचाया गया है। उन्होंने बताया कि दूरदराज के इलाकों में फंसे परिवारों तक तत्काल आवश्यक राशन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है।

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    वहीं दूसरी ओर सेना की उत्तरी कमान के सैनिक पहले से किश्तवाड़ के मचैल माता यात्रा मार्ग पर चशोती इलाके में लोगों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं।

    सेना की सोलह कोर ने राहत अभियान को तेजी देने के लिए रविवार को अतिरिक्त मेडिकल व इंजीनियरिंग टीमों को चशोती भेजा है। सेना की इंजीनियर टीमों ने ब्रिजिंग टीमों ने उपकरणों के साथ चुसोती नाला स्थल पर पुल का निर्माण शुरू कर दिया है।

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    इस पुल के बनने से संपर्क बहाल होने के साथ फंसे कई लोगों को निकालने के अभियान को तेजी मिलेगी। भारतीय सेना के अधिकारी ज़मीनी स्तर पर राहत कार्यों की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

    पीआरओ डिफेंस ने बताया कि सेना इस समय नागरिक एजेंसियों के साथ मिलकर किए जा रहे समन्वित प्रयासों से अधिक से अधिक लोगों को बचाने के साथ जरूरतमंदों को तुरंत राहत देने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।