जीएमसी जम्मू की प्रोफेसर डाॅ. हरलीन कौर को मिला बड़ा सम्मान, नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड से सम्मानित
इंदौर में आयोजित एक समारोह में राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू की प्रोफेसर डॉ. हरलीन कौर को चिकित्सा क्षेत्र में योगदान के लिए नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड 2025 और भारत राजश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान कोविड महामारी के दौरान समाज में उनके योगदान के लिए दिया गया जब उन्होंने कोविड रोगियों के लिए RTPCR परीक्षण की प्रभारी के रूप में कार्य किया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में माइक्रोबायालोजी विभाग में प्राेफेसर डॉ. हरलीन कौर को मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित एक समारोह में चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड 2025 और भारत राजश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार समाज, विशेषकर गरीबों और वंचितों के कल्याण में योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सतिंदर सिंह कोहिया, भारतीय सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल बीएस सिसोदिया और एयर मार्शल शशि खेर चौधरी ने प्रदान किया गया।
डॉ. हरलीन कौर को कोविड महामारी के दौरान समाज में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया जब वह कोविड रोगियों के लिए आरटीपीसीआर परीक्षण की प्रभारी थीं और आईआईआईएम प्रयोगशाला कनाल रोड जम्मू में कोविड परीक्षण के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कार्य कर रही थीं।
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यह उल्लेख करना उचित है कि डॉ. हरलीन कौर को अपने आधिकारिक कर्तव्य का पालन करते हुए दो बार कोविड संक्रमण का सामना करना पड़ा था और अपने कर्तव्यों की पंक्ति में उन्हें अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ा था लेकिन ठीक होने के तुरंत बाद उन्होंने कोविड रोगियों के परीक्षण के लिए अपनी प्रयोगशाला में फिर से काम करना शुरू कर दिया।
समाज के परति उनके समर्पण के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है। वह यूनाइटेड किंगडम मैनेजर्स अवार्ड, भारत भूषण पुरस्कार, भारतीय सेना से पुरस्कार, जम्मू और कश्मीर सरकार से प्रशंसा के साथ-साथ कई राज्य एनजीओ संगठनों से मान्यता प्राप्त कर चुकी हैं।
डॉ. हरलीन ने कहा कि यह पुरस्कार मिलना स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग जम्मू और कश्मीर के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि कोई भी पुरस्कार मिलना उन्हें अपने कर्तव्यों को और अधिक इमानदारी के साथ निभाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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स्वास्थ्य क्षेत्र सीधा लोगों की जिंदगी के साथ जुड़ा हुआ है। ऐसे में यहां पर थोड़ी सी कोताही भी मरीज की जान ले सकती है। कोविड के समय में हमने देखा है कि किस प्रकार से मरीज मर रहे थे लेकिन हमले हिम्मत नहीं हारी। सभी के टेस्ट समय पर करके उनका उचित इलाज करवाने में भूमिका निभाई।
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