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    लद्​दाख में सितंबर में गर्माएगी सियासत, दलाई लामा के लौटने के बाद बनेगी आंदोलन की रणनीति

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 12:58 PM (IST)

    केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के राज्य दर्जे को लेकर सियासत गरमा सकती है। दलाई लामा के धर्मशाला लौटने के बाद लेह अपेक्स बाडी व कारगिल डेमोेक्रेटिक अलायंस की बैठक होगी जिसमें प्रदर्शन की रणनीति तय की जाएगी। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के अनुसार केंद्र सरकार लद्दाख के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है।

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    दलाई लामा की वापसी के बाद आंदोलन को तेज करने की योजना है, क्योंकि स्थानीय निवासियों में रोष है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए राज्य दर्जे, संविधान की छठी अनुसूचि जैसे मुद्दों को लेकर सियासत सितंबर महीने में गर्माएगी।

    लद्दाख के डेढ़ माह के दौरे पर आए दलाई लामा 26 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला लौट रहे हैं। उनके जाने के बाद क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर दवाब बनाने की रणनीति तय करने के लिए लेह अपेक्स बाडी व कारगिल डेमोेक्रेटिक अलायंस की बैठक होगी। इस बैठक में तय होगा कि कारगिल के साथ अब लेह में भी क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर किस तरह से धरने, प्रदर्शन करने हैं।

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    लेह में दलाई लामा की मौजूदगी के चलते लद्दाख बुद्घिस्ट एसोसिएशन के आग्रह पर जिले में धरने, प्रदर्शन न करने का फैसला किया गया था। ऐसे दलाई लामा के कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

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    इसके बाद लद्दाख के मुद्दों को लेकर कड़े तेवर दिखाने के लिए कारगिल में हुई तीन दिवसीय भूख हड़ताल में दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान तय किया गया था कि जल्द कारगिल के बाद लेह व लद्दाख के अन्य हिस्सों में धरने, प्रदर्शन करने की रणनीति की घोषणा की जाएगी।

    लेह में इस समय दलाई लामा के कार्यक्रम जारी हैं। उन्होंने शनिवार को जेवेत्साल में धार्मिक कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ को संबोधित किया था। इसके बाद रविवार को लद्दाख बुद्धिस्ट एसोएिशन ने उनकी लंबी आयु की कामना के लिए जेवेत्साल में विशेष प्राथना का आयोजन भी किया था। इन कार्यक्रमों के साथ ही अब लद्दाख में दलाई लामा के धार्मिक कार्यक्रमों का सिलसिला समाप्त होने को है।

    कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के पदाधिकारी सज्जाद कारगिली ने जागरण को बताया कि केंद्र सरकार की ओर लद्दाख के मुद्दों पर बातचीत करने के लिए अभी तक कोई संकेत नही दिया गया है। यह साबित करता है कि केंद्र सरकार लद्दाख के मुद्दों को लेकर गंभीर नही है।

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    ऐसे में दलाई लामा के लौटने के बाद दोनों संगठन की संयुक्त बैठक में यह तय होगा कि लद्दाख के मुद्दों को लेकर आंदोलन को किस तरह से तेज किया जाएगा। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के उनकी मांगों को लेकर गंभीरता न दिखाने से स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है। हमें आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    इसी बीच कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के आह्वान पर कारगिल हुसैनी पार्क में जारी इस तीन दिवसीय हड़ताल 9 अगस्त को शुरू हुई थी। भूख हड़ताल कर उठाए गए मुख्य मुद्दों में राज्य दर्जा, छठी अनुसूचि, लेह व कारगिल के लिए अलग अलग लोकसभा की सीटें व लद्दाख के लिए अलग लोक सेवा आयोग शामिल थे। 

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