एलजी मनोज सिन्हा बोले- जम्मू-कश्मीर के युवा ही स्थायी शांति-समृद्धि के भविष्य को देंगे आकार
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी) अवंतीपोरा में विकसित भारत युवा कनेक्ट कार्यक्रम में युवाओं से जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं को 21वीं सदी की सबसे मूल्यवान संपत्ति बताया और कहा कि वे स्थायी शांति-समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। सिन्हा ने छात्रों से प्रधानमंत्री मोदी की पंच प्राण प्रतिज्ञा अपनाने का आग्रह किया नशामुक्त परिसरों की आवश्यकता पर जोर दिया।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी) अवंतीपोरा में विकसित भारत युवा कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने युवाओं से जम्मू-कश्मीर के विकास, शांति और समृद्धि का नेतृत्व करने का आग्रह किया।
युवाओं को 21वीं सदी की "सबसे मूल्यवान संपत्ति" बताते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवा एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करेंगे और स्थायी शांति-समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। प्रचुर अवसरों के साथ हमारे युवाओं में सामाजिक-आर्थिक क्रांति लाने की भी शक्ति है।
युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विकसित भारत युवा कनेक्ट पहल की सराहना करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह कार्यक्रम युवा नागरिकों और नीति निर्माताओं के बीच की खाई को पाटता है।
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यही नहीं उन्हें सक्रिय राष्ट्र-निर्माता के रूप में सशक्त भी बनाता है। यह कार्यक्रम, "माई भारत" प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाते हुए, नेतृत्व, संवाद और सहभागी शासन को बढ़ावा देता है। इससे पता चलता है कि भारत 2047 के लिए अपने विकास के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
सिन्हा ने छात्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "पंच प्राण" प्रतिज्ञा और नेतृत्व, आत्मविश्वास, दृढ़ता और साहस जैसे गुणों को अपनाने का भी आग्रह किया ताकि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिल सके।
उन्होंने नशामुक्त परिसरों की आवश्यकता पर भी ज़ोर देते हुए विश्वविद्यालयों से छात्र समितियां बनाने, जागरूकता अभियान चलाने और स्वस्थ शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रणालियां प्रदान करने का आह्वान किया।
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इस कार्यक्रम में युवा संसद और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं जैसे पूर्व-कार्यक्रमों के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया। उपराज्यपाल ने युवाओं को विकसित भारत शपथ भी दिलाई और आईयूएसटी की संस्थागत विकास योजना जारी की। इस योजना में विश्वविद्यालय से सेमीकंडक्टर लैब स्थापित करने सहित नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया गया है।
12 अगस्त को होने वाले आगामी मुख्य कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं। इस महत्वपूर्ण दिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकसित भारत - युवा कनेक्ट कार्यक्रम" का औपचारिक शुभारंभ करेंगे, जिसमें वे एक साथ 1,339 विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों से जुड़ेंगे।
इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने विकसित भारत शपथ दिलाई, जो राष्ट्र की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने वाली एक सामूहिक प्रतिज्ञा है। उन्होंने शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करने और विश्वविद्यालय को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु विश्वविद्यालय के प्रकाशन और आईयूएसटी की संस्थागत विकास योजना का भी विमोचन किया।
आईयूएसटी के कुलपति प्रोफेसर शकील अहमद रोमशू ने एक विशेष प्रस्तुति दी कि कैसे विकसित भारत 2047 के विजन को विश्वविद्यालय की संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) में एकीकृत किया जा रहा है, जिसमें विभाग और केंद्र स्तर तक प्रशासनिक, शैक्षणिक, अनुसंधान और आउटरीच गतिविधियां शामिल हैं।
छात्रों के बीच एक खुला संवाद सत्र, युवा संवाद, भी आयोजित किया गया, जिसमें नागरिक ज़िम्मेदारियों, राष्ट्रीय विकास और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और विरासत को श्रद्धांजलि स्वरूप "सरदार 150" वीडियो का प्रदर्शन किया गया।
शांतमनु, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, श्री बशारत कयूम, उपायुक्त पुलवामा; प्रो. ए.एच. मून, डीन, शैक्षणिक मामले; प्रो. अब्दुल वाहिद, रजिस्ट्रार, आईयूएसटी; वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।
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