लद्दाख उपराज्यपाल ने सुशासन में क्रांति लाने के लिए AI इस्तेमाल के दिए निर्देश, बोले- इससे प्रशासनिक बोझ कम होगा
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) लद्दाख में सुशासन को बेहतर बनाने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। स्वास्थ्य शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में एआई प्रशासनिक कार्यों को स्वचालित कर सकता है। लद्दाख प्रशासन नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) सुशासन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों को स्वचालित करने के साथ नागरिक सेवाओं की बेहतरी व नीति निर्माण में डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया भी सशक्त हो सकती है।
लद्दाख में सुशासन को बेहतर बनाने के लिए एआई तकनीकों के संभावित उपयोग पर लेह में बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास व पर्यटन जैसे क्षेत्रों में एआई का उपयोग प्रशासनिक बोझ को कम कर सकता है। इससे जनता की शिकायतें जल्द करने में भी लाभ होगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि लद्दाख प्रशासन, नागरिकों को प्रभावी व बेहतर सेवाएं देने के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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बैठक में मुख्य सचिव डा पवन कोतवाल, प्रमुख सचिव संजीव खिरवार, अन्य विभागों के प्रशासनिक सचिव व विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बेंगलुरु स्थित कंपनी को रोवर के संस्थापक अंकुश सभरवाल ने एआई आधारित समाधानों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कैसे चैटबाट्स व संवादात्मक प्लेटफार्म नागरिकों से संवाद व सरकारी सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के काम आ सकते हैं।
उपराज्यपाल ने सभी सचिवों व विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि वे यह मूल्यांकन करें कि एआई तकनीकों के माध्यम से जनता से कैसे बेहतर संपर्क स्थापित किया जा सकता है। इसके साथ सेवाओं को अधिक सुलभ व उत्तरदायी बनाने की दिशा में काम किया जाए। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि लद्दाख अपनी विशिष्ट भौगोलिक व सामाजिक परिस्थितियों के चलते एआई आधारित सुशासन का माडल यूनियन टेरिटरी बन सकता है।
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चांगथांग में डार्क स्काई रिज़र्व देगा पर्यटन को बढ़ावा
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा है कि केंद्र सरकार व प्रदेश प्रशासन लद्दाख के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सीमावर्ती गांव हो या शहरी इलाका, सबको शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे के विकास व आजीविका के अवस दिए जाएंगे।
उपराज्यपाल ने कहा है कि पूर्व लद्दाख के चांगथांग इलाके में डार्क स्काई रिज़र्व देगा पर्यटन को बढ़ावा देगा। वह बुधवार को लेह में न्योमा से आए एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर रहे थे।
उपराज्यपाल ने कहा कि लद्दाख में चांगथांग समेत पांच नए जिलों की घोषणा से प्रशासनिक सेवाओं को लोगों के और करीब लाने में मदद करेगी। इससे न केवल प्रशासन सुदृढ़ होगा, अपितु 5,000 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
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उन्होंने कहा कि हानले में डार्क स्काई रिज़र्व लद्दाख के पर्यटन को नई ऊंचाई दे सकता है। उन्होंने स्थानीय युवाओं को एस्ट्रो-अम्बैसडर बनाकर खगोल पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह पहल भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान व स्थानीय प्रशासन की है।
लद्दाख में खगोलीय पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसी बीच प्रतिनिधिमंडल ने पश्मीना पालकों के लिए प्रशिक्षण, स्वास्थ्य केंद्रों के उन्नयन, व नए जिलों की औपचारिक स्थापना की मांग की।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सज्जाद कारगिली ने भी लेह में उपराज्यपाल से भेंट कर द्रास-गुरेज़, पनिखर-पहलगाम मार्ग खोलने, पुलिस कर्मियों के प्रोमोशन व सब इस्पेक्टरों की भर्ती करने की मांग की।
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