कश्मीर में कम होने लगा झेलम का जलस्तर, लोगों को सतर्क रहने की दी गई सलाह
श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर घटने से निवासियों को थोड़ी राहत मिली है लेकिन प्रशासन ने सतर्क रहने को कहा है। लगातार बारिश के चलते नदी खतरे के निशान के करीब थी। श्रीनगर में स्थिति सुधर रही है और बाढ़ का खतरा कम हो रहा है। तटबंधों के टूटने की आशंका के बीच प्रशासन ने कुछ इलाकों को खाली करने का आग्रह किया है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर वीरवार तड़के कम होने लगा, जिससे निवासियों को कुछ राहत मिली। अलबत्ता प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है। बता देते हैं कि कई दिनों से लगातार बारिश के कारण नदी खतरे के निशान के करीब पहुँच गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में स्थिति में सुधार हुआ है और पानी का बहाव धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा कम हो गया है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा साझा किए गए गेज रीडिंग के अनुसार, झेलम नदी सुबह 1 बजे 22.34 फीट के मुकाबले 22.08 फीट पर बह रही थी।
एक अधिकारी ने बताया कि जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के आसपास है और वे स्थिति पर लगातार नज़र रख रहे हैं। आज सुबह, झेलम के बढ़ते जलस्तर ने तटबंधों, खासकर शालिना, लासजान जैसे संवेदनशील हिस्सों में, के टूटने की आशंका पैदा कर दी थी।
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श्रीनगर ज़िला प्रशासन ने शालिना में झेलम तटबंध में दरार के मद्देनज़र, लसजन, सोइटेंग, नौगाम, व्येथपोरा, गोलपोरा, पदशाहीबाग और महजूरनगर सहित सात इलाकों के निवासियों से इन इलाकों को खाली करके सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया है।
अधिकारी ने बताया कि इस इलाके में स्थानीय समितियों, मस्जिदों और स्थानीय राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों के माध्यम से पहले ही घोषणाएँ कर दी गई हैं। नौगाम के एक निवासी अली मोहम्मद ने कहा, हम अपना सामान दूसरी मंजिल पर ले जा रहे हैं। यहाँ बहुत अफ़रा-तफ़री का माहौल है।
इसी बीच डिवकाम कश्मीर ने दोहराया कि आपातकालीन योजनाएँ लागू हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सेवाओं की सुरक्षा की जा रही है।
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प्रशासन ने डलवासियों के लिए जारी की एडवाइजरी
झेलम नदी के वर्तमान जलस्तर को देखते हुए, जम्मू और कश्मीर झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) ने डल झील और उसके आसपास रहने वाले निवासियों, विशेष रूप से डल निवासियों और हाउसबोट मालिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
नोटिस के अनुसार, झेलम नदी का जलस्तर 21 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया है। इस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए, आपातकालीन जलस्तर प्रबंधन उपायों के तहत, राम मुंशी बाग स्थित गेट को किसी भी समय खोला जा सकता है।
इस गेट के खुलने से डल झील के जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका है, जो वर्तमान में 10.5 फीट है। यह वृद्धि डल निवासियों और हाउसबोट मालिकों के लिए असुविधा का एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है।
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एलसीएमए ने सभी डल झील निवासियों और हाउसबोट मालिकों को जलस्तर में संभावित वृद्धि के बारे में सूचित किया है और सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरतने की सलाह दी है। उनसे सतर्क रहने और आवश्यकता पड़ने पर श्रीनगर जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित राहत केंद्रों में जाने के लिए तैयार रहने का अनुरोध किया गया है।
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