उमर को प्रदेश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्र से मुआवजे की दरकार, बोले- GST सुधारों से राजस्व आय होगी कम
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रस्तावित जीएसटी सुधारों से जम्मू-कश्मीर की राजस्व आय में गिरावट की आशंका जताई है। उन्होंने केंद्र से राज्यों और केंद्र ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रस्तावित जीएसटी सुधारों से जम्मू-कश्मीर की राजस्व आय में 10 से 12 प्रतिशत तक की और गिरावट हो सकती है।
उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए मुआवजा देने और सुरक्षा उपायों को लागू करने की योजना बनाएं।
हम जीएसटी दरों के पुनर्गठन के प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुआवजा देने की एक उचित व्यवस्था बनानी चाहिए, ताकि आम जनता तक इस दर-सुधार के लाभ पहुंच सकें।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की विशिष्ट चुनौतियों को ध्यान में रखना जरूरी है।
दिल्ली में आयोजित 56 वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार से समर्थन की अपील की। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और इसके बाद से केंद्र शासित प्रदेश गंभीर राजकोषीय संकट से जूझ रहा है।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला, जो कि प्रदेश के वित्त मंत्री भी हैं, ने कहा कि आतंकी हमले के बाद पर्यटन, हस्तशिल्प, कृषि और बागवानी जैसे प्रमुख आर्थिक क्षेत्र पूरी तरह से ठप हो गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हमले से पहले स्थानीय अर्थव्यवस्था में पुनर्जीवन के संकेत मिल रहे थे, लेकिन पहलगाम की घटना ने इसे बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया।
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उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद पर्यटन, परिवहन, निर्माण, ऑटोमोबाइल, कृषि, हस्तशिल्प जैसे सभी प्रमुख क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। गैर-स्थानीय श्रमिकों का पलायन हो रहा है, जिससे बुनियादी ढांचे के विकास में भी रुकावट आई है।
मेरी मुख्य चिंता यह है कि दर-सुधार आम आदमी पर बोझ कम कैसे करेगा और क्या यह विशिष्ट वस्तुएं और सेवाएं (जनता) के लिए और अधिक सुलभ बना पाएंगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दो-स्तरीय जीएसटी संरचना (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) के प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि इस कर संरचना में सुधार का मुख्य उद्देश्य आम जनता पर कर का बोझ कम करना और विशिष्ट वस्तुओं एवं सेवाओं को देश की जनता के लिए और अधिक सुलभ एवं किफायती बनाना होना चाहिए।
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