जम्मू-कश्मीर में रेलवे की बड़ी परियोजना, जम्मू से जालंधर तक बनेगा तीसरा ट्रैक, यात्रियों को होगा यह लाभ
भारतीय रेलवे जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है। जम्मू से जालंधर तक तीसरी रेल लाइन बनने से रेल यातायात बेहतर होगा। यह परियोजना कश्मीर तक रेल सेवा के विस्तार में सहायक होगी। तीसरी लाइन से यात्री और मालगाड़ियों का संचालन सुधरेगा जिससे यात्रा समय और लागत कम होगी। अनुमानित लागत 5600 करोड़ रुपये है और यह 240 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगी।

दिनेश महाजन, जागरण, जम्मू। भारतीय रेलवे जम्मू-कश्मीर में अपने ढांचे को लगातार मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। रेलवे ने जम्मू से पंजाब के जालंधर तक नई तीसरी रेल लाइन बिछाने का फैसला लिया है, जिससे इस क्षेत्र में रेल यातायात को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद जम्मू से जालंधर रेल सेक्शन तीन ट्रैक वाला सेक्शन बन जाएगा, जिससे रेल यातायात में वृद्धि होगी और यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। वर्तमान में जम्मू-जालंधर रेल मार्ग दोहरी पटरी (डबल ट्रैक) वाला सेक्शन है, जिस पर लगातार बढ़ते रेल यातायात का दबाव देखा जा रहा है।
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यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण
कश्मीर तक रेल सेवा के विस्तार से इस मार्ग पर ट्रेनों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने पहले से ही अतिरिक्त ट्रैक की योजना पर काम शुरू कर दिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में बढ़ते रेल यातायात, सामरिक आवश्यकताओं और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ट्रेनों के संचालन में संतुलन स्थापित होगा
तीसरी लाइन के निर्माण से माल-गाड़ियों और यात्री ट्रेनों के संचालन में संतुलन स्थापित होगा, जिससे यात्रा समय और परिचालन लागत दोनों में सुधार आएगा। रेलवे अधिकारियों का यह भी कहना है कि यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के परिवहन नेटवर्क को एक नई दिशा देगी। आने वाले वर्षों में इस तीसरी रेल लाइन के बन जाने से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि जम्मू क्षेत्र आर्थिक और रणनीतिक रूप से और भी मजबूत स्थिति में होगा।
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अंतिम चरण में डीपीआर
जम्मू रेल डिवीजन के सीनियर डिवीजनल कामर्शियल उचित सिंघल ने जानकारी दी कि इस परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया, डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद परियोजना को रेलवे बोर्ड को अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
डीपीआर मंजूर होने के बाद भूमि अधिग्रहण का काम किया जाएगा। इसकी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 5600 करोड़ रुपये होगी और यह परियोजना जम्मू से जालंधर के बीच करीब 240 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगी।
परियोजना से जुड़े तकनीकी और रणनीतिक पहलू
इस परियोजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म को भी आधुनिक बनाने की योजना है। जम्मू से पठानकोट और आगे जालंधर तक का यह मार्ग न केवल उत्तर भारत के राज्यों को जोड़ता है, बल्कि यह भारतीय सेना और सामरिक आपूर्ति के लिए भी अहम मार्ग है। तीसरे ट्रैक के निर्माण के बाद इस रूट पर ट्रेन परिचालन क्षमता लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
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तीसरी रेल लाइन से यात्रियों को ये बड़े फायदे मिलेंगे :
- अधिक ट्रेनों की सुविधा, समय पर संचालन में सुधार होगा।
- प्लेटफार्म पर भीड़ कम होगी, यात्रा अनुभव होगा अधिक सहज होगा।
- ट्रेनों की लेटलतीफी पर अंकुश लगेगा।
रेलवे के लिए लाभ:
- मालगाड़ियों के संचालन में तेजी आएगी।
- ट्रैफिक दबाव घटने से रखरखाव और परिचालन लागत में कमी होगी।
- आपातकालीन और सामरिक जरूरतों के लिए बेहतर मार्ग उपलब्ध होगा।
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