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    जम्मू कश्मीर प्रशासन का बड़ा फैसला, खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा न करने वाले मांस उत्पादों पर लगा प्रतिबंध

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 04:36 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर प्रशासन ने फ्रोजन मांस उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि वे खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। ड्रग एंड फूड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के निरीक्षण में सड़ा हुआ और बिना लेबल का मांस मिला। प्रशासन ने कहा कि यह कदम जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरूरी है। लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है क्योंकि पहले बाजार में मिलावटी चीजें मिलती थीं।

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    यह कार्रवाई मास कांड के बाद की गई है, जिसमें सड़ा हुआ मांस बरामद हुआ था।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा न करने वाले फ्रोजन और ठंडे मांस उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण, परिवहन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

    यह निर्णय ड्रग एंज फूड क्रंट्रोल आर्गनाइजेशन की खाद्य सुरक्षा शाखा द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद लिया गया है। टीम ने जांच के दौरान कई स्थानों पर बड़ी मात्रा में सड़ा हुआ और बिना लेबल वाला मांस पाया था।

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    असुरक्षित स्टाक को जब्त कर नष्ट कर दिया गया है। आदेश के अनुसार, जब्त किए गए उत्पादों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के कई प्रमुख प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। कई वस्तुओं पर अनिवार्य लेबलिंग जैसे बैच संख्या, समाप्ति तिथि, निर्माता विवरण, एफएसएसएआई लाइसेंस संख्या और उचित भंडारण निर्देश नहीं थे।

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    आयुक्त की ओर से जारी दिशा-निर्देश

    आयुक्त ने मांस उत्पादों के लिए निम्नलिखित अनिवार्य मानकों का हवाला दिया है।

    • फ्रोजन मांस को -18 सेंटीग्रेट या उससे कम तापमान पर संग्रहित और परिवहन किया जाना चाहिए।
    • जमे हुए मांस को 0-4 सेंटीग्रेड पर रखा जाना चाहिए।
    • फ्रोजन उत्पादों पर फ्रीजिंग तिथि अंकित होनी चाहिए और उस तिथि से 12 महीने से अधिक समय तक नहीं बेची जा सकती।
    • ई-कामर्स डिलीवरी में कुल शेल्फ लाइफ का कम से कम 30% या समाप्ति तिथि से 45 दिन पहले का समय शेष होना चाहिए।
    • भंडारण और परिवहन सुविधाओं में उचित रिकॉर्ड के साथ कैलिब्रेटेड तापमान मॉनिटर होने चाहिए।
    • लेबल पर पशु की प्रजाति, जैसे बकरी, भैंस या मुर्गी, का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।

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    खाद्य सुरक्षा आयुक्त की प्रतिक्रिया

    खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि जन स्वास्थ्य की रक्षा और मांस व्यापार में असुरक्षित प्रथाओं को रोकने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक है। यह निषेधाज्ञा अगली सूचना तक या जब तक अधिकारी यह पुष्टि नहीं कर देते कि कोई स्वास्थ्य जोखिम मौजूद नहीं है तब तक लागू रहेगी।

    प्रशासन के इस कदम की सराहना

    प्रशासन के इस कदम की आम लोगों ने सराहना की है। आमिर सुलतान नामक एक युवक ने कहा, "शुक्र है कि प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर है। अगर सरकार मामले को गंभीरता से नहीं लेती तो न जाने मीट, मछली, चिकन के नाम पर हमें क्या खिलाया जाता।"

    मोहम्मद तारिक नामक एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "यह समय की जरूरत है। इस कदम से बाजार में खानपान की शुद्ध चीजें मिल सकती हैं। वरना तो अभी तक बाजार में खानपान की चीजों के नाम पर जहर ही मिलता था।"

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    मास कांड के बाद उठाया गया कदम

    यह कदम घाटी में हलचल मचा देने वाले मासकांड से उत्पन्न स्थिति के बाद उठाया गया है। गत महीने मास कांड के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के दौरान घाटी में हजारों टन सड़ा हुआ मास बरामद किया गया था।