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    जम्मू में एम्स, नए मेडिकल कालेज बनने के बाद भी जीएमसी सहारा, जानें क्यों हर महीने होते हैं सैकड़ों मरीज रेफर?

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 01:06 PM (IST)

    जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में अन्य अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जून महीने में ही एम्स विजयपुर समेत कई नए मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों से 800 से ज्यादा मरीज रेफर होकर जीएमसी पहुंचे। सबसे अधिक मरीज मेडिसिन विभाग में आ रहे हैं जिससे पता चलता है कि अन्य अस्पतालों में विशेषज्ञ और सुविधाओं की कमी है।

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    जीएमसी में ओपीडी में 16 से 17 हजार मरीज आते हैं, जिनमें से आधे मेडिसिन विभाग में होते हैं।

    रोहित जंडियाल, जागरण, जम्मू। सरकार के तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में संभाग के अन्य अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले मरीजों का सिलसिला थम नहीं रहा है।

    आलम यह है कि सिर्फ एक महीने में ही प्रतिष्ठित एम्स विजयपुर से लेकर नए मेडिकल कालेजों व जिला अस्पतालों से आठ सौ से अधिक मरीज रेफर होकर जीएमसी में पहुंचे। ऐसा भी नहीं है कि मरीजों को शाम या रात के समय रेफर किया हो, चौबीस घंटे मरीज रेफर होकर जीएमसी जम्मू में आते हैं। मेडिसिन विभाग के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है।

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    यह चौंकाने वाले आंकड़े मंगलवार को राजकीय मेडिकल कालेज प्रशासन ने स्वयं पेश किए हैं। आंकड़ों के अनुसार जून महीने में 509 पुरुष और 362 महिला मरीज विभिन्न अस्पतालों से रेफर होकर इलाज के लिए जीएमसी पहुंचे।

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    जीएमसी राजौरी से 80, जीएमसी कठुआ से 74, गांंधीनगर अस्पताल से 72, जिला अस्पताल रियासी से 68, उपजिला अस्पताल आरएस पुरा से 51, जीएमसी डोडा से 47, उप जिला अस्पताल अखनूर से 42, उप जिला अस्पताल सुंदरबनी से 37, जिला अस्पताल रामबन से 29, उप जिला अस्पताल बिश्नाह से 27, ईएसआई बडी ब्राह्मणा से 26, सरवाल अस्पताल से 24, पीएचसी डंसाल से 22 मरीज जम्मू जीएमसी में रैफर किए गए।

    इसी तरह जिला अस्पताल किश्तवाड़ से 20, सीएचसी कटड़ा से 19, जिला अस्पताल सांबा से 16, कोट भलवाल से 16, सोआंजना से 14, नौशहरा से 11 और अरनिया से 10 मरीज शामिल हैं। यही नहीं बड़े बड़े दावे कर विजयपुर में स्थापित किए गए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से भी एक महीने में 22 मरीज रेफर होकर जीएमसी जम्मू पहुंचे।

    मेडिसिन पर सबसे अधिक बोझ

    मेडिसिन विभाग पर ही सबसे अधिक बोझ है। रेफर होकर आने वाले मरीजों में करीब साठ प्रतिशत 544 मरीज मेडिसिन विभाग में आए। इसके अतिरिक्त 243 सर्जरी, 112 आर्थोपैडिक्स, चार नेत्र रोग, नौ ईएनटी, दो कैंसर और चार अन्य विभागों में भेजे गए। इससे यह भी स्पष्ट है कि अन्य अस्पतालों में विशेषज्ञों और सुविधाओं की कमी है।

    हर समय होते हैं मरीज रेफर

    जम्मू संभाग के विभिन्न अस्पतालों से ऐसा नहीं है कि शाम के समय ही मरीज रेफर होते हैं। चौबीस घंटे मरीज रेफर होकर आते हैं। सुबह आठ से दोपहर दो बजे के बीच 175, दोपहर दो बजे से लेकर 348 और शाम को आठ बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक 248 मरीजों को रेफर किया गया।

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    सिर्फ ओपीडी में आते हैं 16 से 17 हजार मरीज

    राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में हर महीने ओपीडी में 16 से 17 हजार मरीज जांच के लिए आते हैं। इनमें आधे मरीज मेडिसिन विभाग में जांच करवाने के लिए आते हैं। इसी तरह इमरजेंसी में भी औसतन पांच सौ से अधिक मरीज आते हैं। जीएमसी जम्मू में जून महीने में 16,023 मरीजों ने ओपीडी में अपनी जांच करवाई। इनमें सबसे अधिक 7899 अर्थात 49.3 प्रतिशत ने मेडिसिन विभाग में जांच करवाई। इसके बाद 3978 ने सर्जरी विभाग, 2745 ने आर्थाेपैडिक्स और 831 ने नेत्र रोग विभाग में जांच करवाई।

    वहीं एंटी रैबीज सेक्शन में भी हर दिन औसतन बीस मरीज कुत्तों या अन्य जानवरों के काटने का इलाज करवाने आते हैं। जून महीने में कुल 570 मरीज एंटी रैबीज सेक्शन में इलाज के लिए पहुंचे।। इस दौरान 4452 मरीजों को भर्ती किया गया। सबसे अधिक 2350 को मेडिसिन, 1192 को सर्जरी, 496 को आर्थाेपैडिक्स, 166 को नेत्र रोग, 235 को रेडियोथेरेपी और 13 को आयुष में भर्ती किया गया। इन मरीजों में बड़ी संख्या में अन्य अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले मरीज भी हैं।

    आए दिन होती हैं झड़पें

    जीएमसी में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण डाक्टरों और मरीजों के तीमारदारों के आए दिन झड़पें भी होती हैं। कुछ दिन पहले ही एक महिला मरीज के साथ भी मारपीट हुई थी। मंगलवार को अस्पताल के निजी सुरक्षा कर्मियों को इस प्रकार के हालात से निपटने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया।

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    दो हजार से अधिक सर्जरी

    जून महीने में जीएमसी के विभिन्न विभागों में दो हजार से अधिक सर्जरी हुई। इनमें 275 मेजर और 1776 माइनर सर्जरी शामिल हैं।