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    Jammu: सफाई कर्मचारियों की जान सकते में! 3500 सफाई कर्मचारी बिना रैन कोट, बरसाती जूतों के कर रहे काम

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 12:16 PM (IST)

    जम्मू नगर निगम (JMC) के सफाई कर्मचारी पिछले कई वर्षों से रेन कोट और वर्दी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। लगभग 3500 कर्मचारी जिनमें स्थायी और एनजीओ कर्मचारी शामिल हैं शहर की सफाई में जुटे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले चार वर्षों से रेन कोट जूते और वर्दी नहीं मिली है जिससे उन्हें बारिश में भी बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करना पड़ रहा है।

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    निगम के अधिकारी जल्द ही आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन दे रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए वातानुकूलित कार्यालयों में बैठ रहे जम्मू नगर निगम के अधिकारियों के तो ठाठ हैं लेकिन कर्मचारी परेशान हैं। सफाई कर्मचारियों को पिछले कुछ वर्षों से रैन कोट तक नहीं मिले।

    बरसात में वे बिना रैन कोट के गीले होते हुए काम करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं नालों की सफाई करने वाले कर्मचारियों को बूट भी नहीं मिले। सफाई कर्मचारियों को कुछ वर्ष पहले तक वर्दी मिलती थी, वो भी गए जमाने की बात हो गई है।

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    इन दिनों बरसात जारी है। बिना साफ-सफाई के तो शहर चल नहीं सकता। जब अधिकतर लोग सो रहे होते हैं तो यह सफाई कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं इन्हें नगर निगम की रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है। बावजूद इसके इनकी अनदेखी कम होने का नाम नहीं ले रही।

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    सफाई कर्मचारियों का कहना है कि पिछले करीब चार वर्षों से कोई वर्दी, रैन कोट, जूते, दस्ताने नहीं मिले हैं। नौकरी करनी है, इसलिए जिस तरह चल रहा है, चला रहे हैं। तीन बरसातें तो बिना रैन कोट के निकल गईं। अभी भी मजबूरी में बारिश में काम करना ही पड़ता है।

    3500 सफाई कर्मचारी

    करीब 240 वर्ग किलोमीटर में फैले जम्मू शहर के 75 वार्डों में जम्मू नगर निगम के करीब 3500 सफाई कर्मचारी काम करते हैं। इनमें स्थायी सफाई कर्मचारियों की संखया 1850 हैं जबकि 1700 के करीब एनजीओ सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। करीब 50 प्रतिशत वार्डों में एनजीओ के माध्यम से सफाई करवाई जाती है।

    बर्दाश्त नहीं करेंगे सफाई कर्मियों की अनदेखी

    ‘सफाई कर्मचारियों की अनदेखी को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। पिछले चार वर्षों से किसी भी सफाई कर्मचारी को रैन कोट, वर्दी, जूते नहीं मिले हैं। अगर जल्द यह सब नहीं मिला तो अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करेगा।’ -लक्की चिद्दा, चेयरमैन, एबीएसएमएस

    ‘यह वही कर्मचारी हैं जिन्होंने कारोना काल में भी जान की परवाह नहीं की। इन सफाई साथियों को नगर निगम प्रशासन इतने हल्के में न ले। अफसोस की बात है कि इन कर्मचारियों को कोई वर्दी, रैन कोट नहीं मिल रहा। जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।’ -हरदेव सिंह, राष्ट्रीय सदस्य, एबीएसएमएस

    ‘सफाई कर्मचारी तो बेचारे पिसते ही जा रहे हैं। एनजीओ सफाई कर्मचारियों का तो हाल ही बुरा है। कभी वेतन नहीं मिलता तो कभी जरूरी चीजें। बरसात में सफाई कर्मचारी बिना रैन कोट, जूतों के काम करने को मजबूर हैं। हड़ताल ही करनी पड़ेगी।’ -अमानत मट्टू, प्रधान, एनजीओ

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    क्या कहते हैं अधिकारी

    ‘दो साल पहले बढ़िया किस्म के रैन कोट और वर्दियां दी गई थीं। निगम सफाई कर्मचारियों को लेकर सजग है। हर साल तो यह संभव नहीं। फिर भी जल्द ही इन्हें दोबारा वर्दी और रैन कोट बगैरा दिए जाएं। निगम आयुक्त ने भी निर्देश दिए हैं।’ -डा. विनोद शर्मा, हेल्थ आफिसर, जम्मू नगर निगम