आम उपभोक्ता तक अभी नहीं पहुंचा GST छूट का लाभ, MRP कम न होने का फायदा उठा रहे विक्रेता
जम्मू में जीएसटी दरों में छूट का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहा है। खुदरा बाजार में पुराने स्टॉक पर नए एमआरपी नहीं लगने से दुकानदार मुनाफाखोरी कर रहे हैं। दूध दवाईयों और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी वस्तुओं पर भी अभी तक पुराने एमआरपी पर ही बिक्री जारी है। कंपनियों ने विक्रेताओं की बिलिंग तो नए जीएसटी अनुसार शुरू कर दी है लेकिन उपभोक्ताओं को राहत का इंतजार है।

जागरण संवाददाता, जम्मू। केंद्र सरकार की ओर से करीब एक महीना पहले ही पहले नवरात्र से जीएसटी दरों में छूट की घोषणा कर दी गई थी और सोमवार से जीएसटी में ये छूट प्रभावी भी हाे गई लेकिन जम्मू में अधिकांश वस्तुओं पर मिलने वाली छूट का लाभ आम उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा है।
जिन क्षेत्रों में तो बिक्री बिल आधारित रहती है, उन क्षेत्रों में तो सोमवार से छूट प्रभावी हो गई लेकिन खुदरा बाजार में बिकने वाली अधिकतर वस्तुओं पर अभी तक उपभोक्ता राहत का इंतजार कर रहे हैं। पुराने स्टाक क्लीयर करने के नाम पर कंपनियों ने नए एमआरपी(एमआरपी) नहीं लगाए जिसका फायदा खुदरा दुकानदार उठा रहे हैं।
हालांकि कंपनियों ने 22 सितंबर से पुराने एमआरपी की वस्तुओं पर विक्रेताओं की बिलिंग नए जीएसटी अनुसार करना आरंभ कर दी है लेकिन चूंकि एमआरपी पुराना है, लिहाजा दुकानदार मुनाफाखोरी कर रहे हैं।
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पिछले 48 घंटों में जम्मू में दूध के दाम तक कम नहीं हुए जिसकी रोजाना सप्लाई होती है। यहीं हाल दवाईयों का भी है और यहां भी अभी तक पुराने एमआरपी पर ही बिक्री जारी है। दूध की बात करें तो जम्मू में सबसे अधिक बिक्री अमूल दूध की रहती है जिसके दाम में उपभोक्ताओं को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है।
इस पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी था जो अब कम करके पांच प्रतिशत कर दिया गया है लेकिन 13 प्रतिशत का यह मुनाफा इस समय खुदरा व्यापारी घटक रहा है।
इलेक्ट्रानिक्स में चल रही मनमर्जी
इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में दुकानदारों की अपनी मनमर्जी चल रही है। पिछले दो दिनों से बिलिंग तो कम जीएसटी पर हो रही है लेकिन ग्राहकों को कोई खास फायदा नहीं मिल रहा क्योंकि ये ऐसे उत्पाद है जिनकी कभी एमआरपी पर बिक्री नहीं हुई।
भूषण रेडियो ज्यूल के राजेश गुप्ता के अनुसार इलेक्ट्रानिक्स पर तो हम पहले से ही एमआरपी पर ग्राहकों को काफी छूट देते हैं। मोबाइल पर किसी तरह का जीएसटी कम नहीं हुआ है। पहले भी 18 प्रतिशत था, अब भी 18 प्रतिशत है।
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टीवी व अन्य कुछ इलेक्ट्रानिक्स पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत हुआ है। अब कोई दूसरा क्या कर रहा है, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये चीजें एमआरपी से काफी कम दाम पर पहले से बिकती आ रही है।
कंपनियां पुराने स्टाक पर नए एमआरपी की पर्ची नहीं लगा सकती, यह कानूनी अपराध है लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए नियमों में ढील देते हुए नए एमआरपी की पर्ची लगाने की छूट दी गई है। प्रभाकर के अनुसार विभागीय टीमों ने गत दिवस भी कई विक्रेताओं के बिल चेक किए थे जो नई दरों के आधार पर बनाए गए थे। अगर कोई खुदरा व्यापारी दूध व दुग्ध उत्पादों पर मिली छूट का लाभ नहीं दे रहा तो उपभोक्ता उस विक्रेता की शिकायत कर सकते हैं, कार्रवाई होगी। - मनोज प्रभाकर, ज्वाइंट कंट्रोलर, जम्मू-कश्मीर लीगल मिटरोलाजी विभाग
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