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    कश्मीरी कहवा की चुस्की के साथ ज्ञान की महक और चर्चाओं का चलेगा दौर, देशभर से 200 से अधिक प्रकाशक पहुंचे

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 04:49 PM (IST)

    श्रीनगर में चिनार पुस्तक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कश्मीरी कहवा के साथ ज्ञान का संगम होगा। इस नौ दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। महोत्सव में 200 से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं जहाँ विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें प्रदर्शित की जाएँगी। राजतरंगिणी संवाद शारदा लिपि प्रदर्शनी और गोजरी अनुवाद कार्यशाला जैसे विशेष आकर्षण होंगे।

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    यह महोत्सव भाषा और संस्कृति के माध्यम से लोगों को जोड़ने का एक मंच है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। पुस्तक प्रेमियों, साहित्यकारों, लेखकों और विद्यार्थियों के लिए चिनार पुस्तक महोत्सव श्रीनगर लौट आया है। डल झील के किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को शुरू हो रहे इस महोत्सव में कश्मीरी कहवा की चुस्कियों के साथ ज्ञान की महक को बिखेरता राजतरंगिणी संवाद होगा।

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    प्राचीनतम शारदा लिपि पर आधारित राष्ट्रीय प्रदर्शनी और गोजरी अनुवाद कार्यशाला भी होगी। इस नौ दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, शिक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) और श्रीनगर जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित चिनार पुस्तक महोत्सव में देशभर से 200 से अधिक प्रकाशकों और पुस्तक स्टालों की भागीदारी होगी।

    जहां अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, कश्मीरी और अन्य भारतीय भाषाओं में पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। बच्चों के लिए चयनित द्विभाषी और शैक्षणिक पुस्तकों से लेकर क्षेत्रीय साहित्य और डिजिटल कंटेंट तक सभी उम्र के पाठकों के लिए एक उपयुक्त और समृद्ध करने वाला चयन साबित होगा।

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    यह चिनार पुस्तक महोत्सव का दूसरा संस्करण है, जिसे पिछले वर्ष हुए महोत्सव की सफलता से प्रभावित होकर किया जा रहा है। इस बार का संस्करण केवल पारंपरिक पुस्तक प्रदर्शनी ही नहीं है, बल्कि यह बौद्धिक संवाद, सांस्कृतिक विमर्श और शैक्षिक समृद्धि का मंच भी है।

    इस बार का एक विशेष आकर्षण है राजतरंगिणी संवाद, जिसमें कार्यशालाएं और समूह चर्चाएं शामिल होंगी, जो कश्मीरी शास्त्रीय ग्रंथ की ऐतिहासिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व को फिर से उजागर करेंगे।

    महोत्सव में प्राचीनतम शारदा लिपि पर आधारित राष्ट्रीय प्रदर्शनी और पहली बार आयोजित हो रही गोजरी अनुवाद कार्यशाला भी होगी, जिससे हिंदी, उर्दू, डोगरी, कश्मीरी और अंग्रेजी में विद्वभाषी पुस्तकें तैयार की जाएंगी। यह राज्य की भाषाई विविधता को पहचानते हुए उसके समावेशन को बढ़ावा देगा। एक प्रमुख सांस्कृतिक आकर्षण होगा तमिल-कश्मीरी संवाद (एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के अंतर्गत) जो दोनों क्षेत्रों के साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर केंद्रित होगा।

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    चिनार बुक फेस्टिवल केवल पुस्तकों की प्रदर्शनी नहीं है, यह भाषा, साहित्य और साझा अनुभवों के माध्यम से लोगों को जोड़ने का माध्यम है। प्राचीन लिपियों से लेकर आधुनिक प्रकाशन तक, हम एक ऐसा मंच बना रहे हैं, जहां विरासत और नवाचार साथ-साथ चलते हैं। -प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, एनबीटी के अध्यक्ष

    पहले संस्करण की सफलता के बाद हमने चिनार बुक फेस्टिवल को और विस्तार देने का निर्णय लिया। इस बार के संस्करण में नई सोच और व्यापक भागीदारी के साथ, हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना है, विशेष रूप से युवाओं तक। हम जम्मू-कश्मीर में एक सशक्त पठन संस्कृति को विकसित करना चाहते हैं। -युवराज मलिक, एनबीटी के निदेशक

    यह साहित्यिक महोत्सव जम्मू-कश्मीर में पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने को एक नया आयाम देगा और विभिन्न भारतीय भाषाओं के बीच सौहार्द और जुड़ाव को प्रोत्साहित करेगा। -डा. शम्स इकबाल, राष्ट्रीय उर्दू भाषा प्रचार परिषद के निदेशक

    यह महोत्सव केवल एक साहित्यिक समागम नहीं है, बल्कि कश्मीर में ज्ञान और सांस्कृतिक गौरव की भावना का प्रतीक है। एक ऐसा समय जब दुनिया में सब अकेले होते हुए से प्रतीत होते हैं, यह बुक फेस्टिवल हम सभी को एकजुट करता है। -डा. अमित वांचू, चिनार पुस्तक महोत्सव के संयोजक

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    महोत्सव में भाग लेने वाले लेखक व साहित्यकार

    डा. एसएन पंडिता, अमित दुबे, ललित परिमू, मुश्ताक बाला, डा. एम अजमल शाह, वीर मुंशी, आभा हंजुरा, वहीद जीलानी, विभा सराफ, सुनील वातल, विजय धर, प्रो. मिर्जा मोहम्मद जमां अर्दा, डा. सुरेश कौल, डा. सतीश विमल, डा. सुधाकर अदीब, प्रो. एमशफी किदवई, डा. मलिक राजकुमार, डा. पुष्कर मिश्रा, डा. सुनीता, प्रो. गजनफर अली, रईस मोईउद्दीन, डा. संजय अलुंग, प्रो. बशर बशीर, प्रो. सत्यभामा राजदान, प्रो. शफी शौक, प्रो. अयाज रसूल नाजकी, प्रो. नीलोफर खानी। देश के इन नामी लेखक साहित्यकारों के अलावा इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर, फूड ब्लागर और कंटेंट क्रिएटर जैसे युवा आइकन भी महोत्सव का हिस्सा होंगे।

    बच्चों को प्रधानमंत्री की पुस्तक एग्जाम वारियर्स निश्शुलक मिलेगी

    महोत्सव मे रचनात्मक लेखन और चित्रण कार्यशालाएं, सुलेख प्रदर्शन, लेखक संवाद, कहानी सत्र, लाफ्टर थैरेपी सेशन और बच्चों के लिए विभिन्न रोचक गतिविधियां भी होंगी। महोत्सव में आने वाले पाठक एवं पुस्तक प्रेमी राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय की डिजिटल सेवा का लाभ भी उठा सकेंगे, जिसमें विभिन्न विधाओं और भाषाओं की हजारों ई-बुक्स निश्शुल्क उपलब्ध होंगी। बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पीएम मादी द्वारा लिखित पुस्तक एग्जाम वारियर्स की प्रतियां भेंट की जाएंगी। स्किम्स मेडिकल कालेज, गवर्नमेंट डेंटल कालेज, श्रीनगर, आइएमएफए, निफ्ट, एनआइटी और अन्य कई संस्थानों के छात्र भी महोत्सव में प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

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    सांस्कृतिक संध्या कश्मीर की लोक संस्कृति से कराएगी अवगत

    पुस्तक महोत्सव के दौरान दो से 10 अगस्त तक प्रत्येक शाम को लोकगीतों, मुशायरा, कश्मीरी छकरी, भांड पाथर और नाटकों के जरिये सभी आयु वर्ग के लोगों को एक जीवंत और समावेशी माहौल मिलेगा, जिसमें वह कश्मीर की लोकसंस्कृति से अवगत होंगे।