Pahalgam Attack के बाद पाकिस्तान भेजी गई दो बच्चों की मां रक्षंदा रशीद को बड़ी राहत, भारत में प्रवेश की अनुमति मिली
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान भेजी गई रक्षंदा रशीद को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायाधीश राजनेश ओसवाल ने रक्षंदा रशीद को भारत में प्रवेश की अनुमति दे दी है। रक्षंदा 1990 में भारत आई थीं और दीर्धकालिक वीजा पर रह रही थीं। 2025 में वीजा रद्द होने पर उन्हें पाकिस्तान भेज दिया गया था।

जेएनएफ, जागरण, जम्मू। पहलगाम हमले के बाद भारत से पाकिस्तान भेजी गई दो बच्चों की मां रक्षंदा रशीद को जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायाधीश राजनेश ओसवाल ने रक्षंदा रशीद को वापस भारत में प्रवेश की अनुमति दे दी है।
रक्षंदा रशीद वर्ष 1990 में विजिटर वीजा पर भारत में आई थी और उसके बाद से वह दीर्धकालिक वीजा पर भारत में रह रही थी, जिसे सालाना नवीनीकृत किया जाता था। उन्होंने जम्मू में ही शादी कर ली थी और उनके दो बच्चे भी हैं।
अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकवादी घटना के बाद भारतीय सरकार ने कई वैध वीजा रद्द कर दिए, जिसमें रशीद का भी शामिल था। उन्हें भारत छोड़ने का नोटिस जारी किया गया। उन्हें 29 अप्रैल, 2025 को अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से पाकिस्तान भेज दिया गया था।
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रक्षंदा को पाकिस्तान भेजे जाने के बाद उनके परिवार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि रक्षंदा का पाकिस्तान में कोई नहीं है। वह बीमार है और वह लाहौर के एक होटल में अकेली रह रही है। एकल पीठ ने भी गृह मंत्रालय को रशीद को दस दिनों के भीतर भारत वापस लाने का निर्देश दिया था।
वहीं भारत के सालिस्टर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को सूचित किया कि सक्षम प्राधिकारी ने रशीद को विजिटर वीजा जारी करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है, जिससे उन्हें भारत में फिर से प्रवेश करने और भारतीय नागरिकता और नए दीर्घकालिक वीजा के लिए लंबित आवेदनों को आगे बढ़ाने की अनुमति मिलेगी।
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वहीं मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायमूर्ति राजनेश ओसवाल की खंडपीठ ने पारस्परिक समझौते को दर्ज किया और मूल रिट याचिका को वापस ले लिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय परिस्थितियों पर आधारित है और भविष्य के मामलों के लिए कानूनी मिसाल नहीं बनेगा।
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