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    Himachal News: पंचायती राज चुनाव में इस बार बदली व्यवस्था, जाति प्रमाणपत्र पर अब शपथ-पत्र से नहीं चलेगा काम

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 04:39 PM (IST)

    Himachal Panchayat Elections 2025 हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव के नियमों में बदलाव किया गया है। आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अब तहसीलदार द्वारा प्रमाणित जाति प्रमाण पत्र देना होगा। पहले शपथ पत्र से काम चल जाता था लेकिन फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यह नया नियम लागू किया गया है।

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    पंचायती राज चुनाव में जाति प्रमाणपत्र आवश्यक कर दिया है।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Panchayat Elections 2025, हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष होने वाले पंचायती राज चुनाव के लिए पुरानी व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब इन चुनावों में आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वालों को सक्षम अधिकारी यानी तहसीलदार से प्रमाणित जाति प्रमाणपत्र लेना होगा। जबकि इससे पूर्व उम्मीदवार शपथ पत्र देने से काम चल जात था। हालांकि ये अवश्य प्रविधान था कि शपथ पत्र के फर्जी पाए जाने पर चुनाव रद्द किए जाने और अयोग्य करार दिया जाता है।

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    ऐसे में अब प्रदेश की पंचायती राज संस्था त्रिस्तरीय प्रणाली में वार्ड पंच से लेकर पंचायत प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए आरक्षित सीटाें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सक्षम अधिकारी से जाति प्रमाणपत्र देना होगा।

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    249 जिला परिषद सदस्य, 91 पंचायत समिति व 3577 पंचायतों में चुनाव होंगे

    हिमाचल प्रदेश में 3577 पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। 249 जिला परिषद सदस्य, 91 पंचायत समिति में विभिन्न सदस्यों व 3577 पंचायतों के प्रतिनिधियों वार्ड पंच से लेकर प्रधान पद के लिए चुनाव होने हैं। जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है।

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    आरक्षण रोस्टर में सीटों का क्या प्रविधान

    महिलाओं के लिए 50.57 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 25.39 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.58 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 6.75 प्रतिशत सीटों को आरक्षित रखा है।

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    आरक्षित सीटों पर प्रमाणपत्र जरूरी

    'पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन के साथ सक्षम अधिकारी से जाति प्रमाणपत्र देना होगा।'

    -राजेश शर्मा, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग।

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