Himachal High Court: झूठा शपथपत्र दायर करने के मामले में SP संजीव गांधी को हिमाचल हाई कोर्ट से बड़ी राहत
SP Sanjeev Gandhi हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी को बड़ी राहत दी है। अदालत ने झूठा शपथपत्र दायर करने के मामले में संजी ...और पढ़ें
विधि संवाददाता, शिमला। SP Sanjeev Gandhi, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला एसपी संजीव कुमार गांधी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने झूठा शपथपत्र दायर कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश करने पर आइपीएस अधिकारी सजीव गांधी की माफी को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने संजीव कुमार गांधी की ओर से मांगी गई माफी को स्वीकारते हुए उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया।
कोर्ट ने संजीव गांधी को आदेश दिए थे कि वह यदि वांछित हो तो तीन सप्ताह के भीतर जवाब दायर कर यह बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए।
न्यायाधीश राकेश कैंथला ने एक आपराधिक अपील की सुनवाई के दौरान पाया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के जिस प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया है उसे फिर से दोहराते हुए राज्य सरकार ने सजा के निलंबन का विरोध किया। अपीलकर्ता गुड्डू राम द्वारा सजा के निलंबन को लेकर दायर आवेदन के जवाब में दायर रिपोर्ट में हलफनामा संजीव कुमार गांधी, तत्कालीन एसपी, शिमला द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया था।
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कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इस शपथपत्र को झूठा पाया था और कहा था कि हलफनामा दायर करके अदालत को गुमराह करने का प्रयास प्रतीत होता है। इसलिए, इन परिस्थितियों में, संजीव कुमार गांधी को तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। गांधी ने अपने जवाब के साथ माफीनामा भी दिया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर उन्हें जारी नोटिस को रद्द कर दिया।
इस मामले में हाईकोर्ट ने प्रार्थी गुड्डू राम के आवेदन पर उसकी सजा को निलंबित करते हुए अपने आदेश में कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अपीलकर्ता को अठारह महीने की अवधि के लिए कठोर कारावास और 18,000 रुपये का भुगतान करने की सजा सुनाई गई थी और अपील के निपटारे में कुछ समय लगने की संभावना है, इसलिए ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई कारावास की सजा को मुख्य अपील के निपटारे तक निलंबित करने का आदेश दिया जाता है।

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