Himachal News: बिजली बोर्ड में गतिरोध कम होने के आसार, सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया संयुक्त मोर्चा, ये हैं प्रमुख मांगें
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए 12 अगस्त को बैठक बुलाई है। कर्मचारी संघ ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित कर दिया है। कर्मचारियों ने चार्जशीट और तबादला आदेश रद्द करने की मांग की है ताकि सौहार्दपूर्ण माहौल बन सके। कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर, पेंशनर्स व आउटसोर्स कर्मी की संयुक्त मोर्चा कमेटी की बैठक मंगलवार को दोपहर बाद वर्चुअल मोड पर हुई। इसमें यूनियन को प्रदेश सरकार द्वारा वार्ता के लिए बुलाने के बाद कमेटी के सात अगस्त को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया।
मोर्चे के संयोजक लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संयुक्त एक्शन कमेटी को 12 अगस्त को वार्ता के लिए बुलाया है। इसके बाद कमेटी तत्कालीन बैठक कर प्रदेश सरकार का आभार जताया और प्रबंधन व कर्मचारियों के बीच में चल रहे गतिरोध को कम करने की पहल का स्वागत किया।
काफी समय से संघर्षरत हैं कर्मचारी
संयुक्त एक्शन कमेटी की बैठक में उम्मीद जताई कि सरकार के साथ प्रस्तावित बैठक में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा होगी। बिजली बोर्ड के कर्मचारी व अभियंता काफी समय से मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। आंदोलन ने उस समय एक नया मोड़ लिया जब प्रबंधन वर्ग द्वारा बोर्ड के कार्य स्थलों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक के साथ साथ कर्मचारी नेताओं को चार्जशीट जारी कर दिया।
चार्जशीट व तबादला आदेश वापस ले बोर्ड
कर्मचारी नेता लंबे समय से इस मसले पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे थे। ऐसे समय में मुख्यमंत्री की ओर से की गई पहल एक सराहनीय कदम है। कर्मचारी नेताओं ने उम्मीद जताई है कि बोर्ड़ प्रबंधन भी 12 अगस्त की बैठक से पहले बोर्ड द्वारा जारी उपरोक्त आदेशों को वापस लेकर वार्ता के लिए एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाएगी। उन्होंने संभावना व्यक्त की है कि जिन कर्मचारी नेताओं के खिलाफ चार्जशीट करने के निर्देश दिए हैं. उन्हें तुरंत ही वापस लिया जाएगा। इसके साथ ही जिन कर्मचारियों के तबादले किए हैं. उनके तबादले भी रद्द किए जाने चाहिए। बता दें कि राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है।
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