Himachal Congress अध्यक्ष के लिए रोहित ठाकुर के नाम की पैरवी, प्रतिभा और विक्रमादित्य की रजनी से अलग मंत्रणा, गरमाई हिमाचल की सियासत
Himachal Pradesh Congress हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। रजनी पाटिल ने रिपोर्ट सौंप दी है अंतिम फैसला राहुल गांधी लेंगे। मिशन 2027 को देखते हुए नई कार्यकारिणी बनेगी जिसमें क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। मंत्रियों ने मजबूत नेता को अध्यक्ष बनाने की पैरवी की है।

अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Pradesh Congress, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की ताजपोशी से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने सभी मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट शीर्ष नेताओं को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी से चर्चा के बाद ही राज्य अध्यक्ष व प्रदेश कार्यकारिणी का ऐलान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को अध्यक्ष बनाने की पैरवी कई मंत्रियों ने की है। मुख्यमंत्री ने कुछ अन्य नाम भी हाईकमान को सुझाए हैं। रोहित ठाकुर शिमला जिला के जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते हैं। पूर्व में वह सीपीएस रह चुके हैं। शिमला जिला के बड़े नेता हैं और प्रदेश के सभी जिलों में उनका प्रभाव है। लोकसभा चुनाव में शिमला संसदीय सीट के प्रभारी थे और चुनाव घोषणा पत्र समिति के संयोजक भी रह चुके हैं।
बीते रोज दिल्ली में आयोजित बैठकों के बाद सभी मंत्री हिमाचल लौट आए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रजनी पाटिल से मंगलवार को भी मुलाकात की। विक्रमादित्य सिंह कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे, जबकि प्रतिभा सिंह पहले से दिल्ली में ही मौजूद थीं। नई टीम में क्षेत्रीय व जातीय समीकरण का पूरा संतुलन बनाया जाएगा।
रजनी पाटिल को बताया रबड़ स्टांप न बने अध्यक्ष
कांग्रेस प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने सभी मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक कर उनकी राय जानी। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष किसी वरिष्ठ नेता को ही बनाया जाए। रबड़ स्टांप को अध्यक्ष की कमान सौंपना ठीक नहीं है। इसका कारण आने वाले दिनों में पंचायती राज व निकाय चुनाव व मिशन-2027 बताया गया है। जिन नेताओं के अध्यक्ष पद के लिए नाम सुझाए गए हैं उनकी राय भी जानी गई है। इसके अलावा क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों को भी देखा गया है।
इन युवा नेताओं को मिल सकता है पद
प्रदेश कांग्रेस कमेटी में युवा कांग्रेस के पूर्व में कार्यकारी अध्यक्ष रहे यदोपति ठाकुर, पूर्व उपाध्यक्ष सुरजीत भरमौरी, होतम राम, प्रदीप सूर्या सहित 10 के करीब युवा नेता ऐसे हैं, जिनकी पीसीसी में नियुक्ति हो सकती है। पूर्व युकां अध्यक्ष निगम भंडारी युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व कर्नाटक के प्रभारी बन गए हैं। एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के चलते पीसीसी में उन्हें शामिल करने पर अभी संशय है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के कई करीबियों को भी संगठन में अहम पद मिलना तय है।
पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी बनेगी आधार
प्रदेश अध्यक्ष पद पर हाइकमान नियुक्ति करेगा। कार्यकारिणी में किसको स्थान देना है, इसके लिए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी आधार बनेगी। पार्टी हाइकमान ने नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। पर्यवेक्षकों ने जिला व ब्लॉक स्तर पर जाकर बैठकें की है। कौन कितना सक्रिय संगठन में है, पीसीसी में इसकी झलक देखने को मिलेगी।
मिशन-2027 को लेकर आगे बढ़ेगी कांग्रेस
मिशन-2027 पर आगे बढ़ रही कांग्रेस की राज्य, जिला व खंड कार्यकारिणी में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। पार्टी में अपने नेताओं को शामिल करने के लिए जद्दोजहद होगी। यदि एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लागू किया जाता है तो नेता कार्यकारिणी में अपने लोगों को शामिल करने के लिए पूरा जोर लगाएंगे। मंत्री के अलावा जिन नेताओं को बोर्ड व निगम में तैनाती नहीं मिले हैं उन्हें पीसीसी में शामिल किया जाएगा। पिछले साल 7 नवंबर को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के सभी राज्य, जिला और ब्लॉक-स्तरीय निकायों को भंग कर दिया था। तब से लेकर अभी तक कार्यकारिणी का गठन ही नहीं किया गया है।
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100 से 150 पदाधिकारी बनाने पड़ेंगे
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई राज्य कार्यकारिणी में पदाधिकारियों की संख्या 100 से 150 तक ही रखी जाएगी। पूर्व में प्रतिभा सिंह, कुलदीप राठौर के समय पीसीसी में 300 से ज्यादा पदाधिकारी थे। कांग्रेस हाईकमान ने निर्देश दिए हैं राज्य, जिला, ब्लॉक कार्यकारिणी में उन्हीं कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाए जो कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम कर सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव व उपाध्यक्षों को जिला, व विस क्षेत्रों का प्रभारी बनाया जाता है। इसके अलावा उनके पास विभागों के प्रभारियों का दायित्व भी रहता है।
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