Himachal Congress कमेटी गठन को लेकर आखिर क्यों हो रही 9 महीने से माथापच्ची, ...दिल्ली मंथन के बाद बड़े बदलाव तय
Himachal Pradesh Congress हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन को लेकर दिल्ली में मंथन हुआ। हाईकमान चाहता है कि नई टीम के गठन के बाद कोई विवाद न हो इसलिए सभी नेताओं के बीच सामंजस्य बनाने की जिम्मेदारी रजनी पाटिल को दी गई है। राहुल गांधी युवाओं को आगे लाने की पैरवी कर रहे हैं।

अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Pradesh Congress, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के गठन को लेकर नौ महीने से माथापच्ची चल रही है। दरअसल, कांग्रेस हाईकमान चाहता है कि पीसीसी का गठन होने के बाद कोई विवाद न हो। इसके लिए सभी नेताओं के बीच सामंजस्य बनाने की जिम्मेदारी प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल को दी है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में विवाद से और नुकसान होगा।
राहुल गांधी युवाओं के साथ हर वर्ग को आगे लाने की पैरवी कर चुके हैं। ऐसे में उनकी पसंद भी प्रदेश की नई टीम में देखने को मिलेगी। दिल्ली में आयोजित बैठक में संगठन में देरी का मामला उठा।
निकाय चुनाव में होगी परीक्षा, पता चलती है मजबूती
इस साल के अंत में सात नगर निगम, 29 नगर परिषद, 37 नगर पंचायत, 259 जिला परिषद, 91 ब्लाक समितियों के गठन सहित 3577 पंचायतों में चुनाव होने हैं। पार्टी की जमीनी स्तर पर सक्रियता व मजबूती इन चुनावों से पता चलती है।
बेहतर के चक्कर में हो रहा विलंब
हर राजनीतिक दल चाहता है कि जिला परिषद अध्यक्ष, नगर निगम में महापौर व उपमहापौर, ब्लाक समिति अध्यक्ष व पंचायत प्रधान उनके दल के हों। विधानसभा चुनाव में इसका लाभ उन्हें मिलता है। ऐसे में जल्द प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित करने की पैरवी की जा रही है और हाईकमान बेहतर कार्यकारिणी के चयन के कारण विलंब कर रहा है।
दिल्ली में मंथन के बाद दिखेंगे बड़े बदलाव
दिल्ली मंथन के बाद कई बड़े बदलाव दिखेंगे। पार्टी में एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत लागू होगा। क्षेत्रीय व जातीय संतुलन को मद्देनजर रखकर नियुक्तियां होंगी। सूत्रों की मानें तो युवाओं को पार्टी में अहम पदों पर जिम्मेदारी मिलेगी। वरिष्ठता व अनुभव के आधार पर भी कुछ पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। कांग्रेस की नई टीम में युवा जोश के साथ अनुभव भी दिखेगा।
छोटा होगा कांग्रेस कमेटी का आकार
इस बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का आकार छोटा होगा। नए ब्लाक व संगठनात्मक जिले बनाए जा सकते हैं। इसको लेकर चर्चा चल रही है। प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन से पहले इस पर भी अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसको लेकर हाईकमान सभी की राय जान चुका है।
सह प्रभारी व पर्यवेक्षक कर चुके हैं बैठकें
हिमाचल में नवंबर 2024 में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी सहित जिला व ब्लाक की कार्यकारिणी को भंग किया गया था। हाईकमान ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर कार्यकर्ताओं की फीडबैक लेने के लिए उन्हें हिमाचल भेजा था। इसके अलावा सह प्रभारियों ने भी हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर खुद बैठकें कर रिपोर्ट तैयार की। प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल वरिष्ठ नेताओं से दो बार बैठक कर चुकी हैं। हाईकमान को सभी की राय के आधार पर रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।
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