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    पानीपत में खुल गए स्‍कूल, किसी बच्‍चे के पास नहीं था नेगेटिव सर्टिफिकेट

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 14 Dec 2020 01:31 PM (IST)

    आज से पानीपत के भी स्‍कूल खुल गए हैं। बबैल में पहुंचे 22 बच्‍चे माडल स्‍कूल में केवल एक। थर्मल स्‍कैनिंग और सैनिटाइज करके ही अंदर जाने दिया गया। बच्‍च ...और पढ़ें

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    हरियाणा के पानीपत में भी स्‍कूल खुल गए हैं।

    पानीपत, जेएनएन। शिक्षा निदेशालय ने स्‍कूलों को खोलने के फिर से निर्देश जारी किए हैं। कोविड गाइडलाइन के अनुसार स्‍कूल खोले जाने हैं। राजकीय स्‍कूलों में सुबह कम ही बच्‍चे दिखे। माडल संस्‍कृति स्‍कूल में तो केवल एक ही बच्‍चा आया। बबैल के स्‍कूल में जरूर संख्‍या दहाई अंक को पार हुई। यहां 22 बच्‍चे पहुंचे। थर्मल स्‍कैनिंग व सैनिटाइज कराने के बाद ही बच्‍चों को अंदर जाने दिया गया। वैसे निर्देश था कि कोरोना संक्रमण की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाकर ही प्रवेश होगा लेकिन बच्‍चों के पास ऐसा कोई सर्टिफिकेट नहीं था। गांव वालों को मालूम भी नहीं था कि ऐसा कोई सर्टिफिकेट लेकर आना है।

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    10 से 12वीं तक ही क्‍लास

    दसवीं से 12वीं तक ही क्‍लास के लिए स्‍कूल खोले गए हैं। इससे छोटी क्‍लास के बच्‍चे घर से ही पढ़ाई करेंगे। बबैल पहुंची छात्रा ने बताया कि परीक्षाएं आने वाली हैं। इस वजह से स्‍कूल आना पड़ा है। घर में अच्‍छे से पढ़ाई नहीं हो सकती। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दूरी बनाकर ही पढ़ाई करेंगे। सर्टिफिकेट लेकर आना था, इसका पता नहीं था। वैसे भी ये सर्टिफिकेट बनवाएंगे कहां से, इसका भी नहीं पता।

    18 बच्‍चे हुए थे संक्रमित

    पिछली बार जब सरकार ने स्‍कूल खोलने के निर्देश दिए थे, तब संख्‍या बढ़ गई। गाइडलाइन का भी ध्‍यान नहीं रखा गया। इस वजह से स्‍कूलों में ही कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा। बच्‍चों को इस संक्रमण ने चपेट में ले लिया था। तब प्रदेश सरकार ने स्‍कूल बंद करा दिए थे। अब जब से संक्रमण की दर घटी, तभी से यह तय हो गया था कि स्‍कूल खुलेंगे। 14 दिसंबर से स्‍कूल खोलने के निर्देश जारी हुए।

    कैथल में भी एहतियात के साथ खुले स्कूल

     सरकार के आदेशों के तहत सोमवार को दोबारा सभी सरकारी और निजी स्कूल खुले। पहले दिन विद्यार्थी मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर पहुंचे। स्कूलों में पहले दिन विद्यार्थियों की संख्या नाममात्र रही। बता दें कि विभाग के आदेशों के तहत नौंवी से 12वी तक सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक का पढ़ाई करवाई जानी है। कमेटी चौक पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में जिस विद्यार्थी के पास मेडिकल प्रमाण पत्र नहीं था, उसे वापस भेज दिया गया।शिक्षा विभाग के आदेशों के तहत सोमवार से दोबारा स्कूल खुल गए है।  इस बार निदेशालय की ओर से स्कूल में विद्यार्थियों के पहुंचने पर नए नियम लागू किए है। जिसमें इस बार विद्यार्थियों को 72 घंटे के अंदर करवाई गई मेडिकल की रिपोर्ट दिखाना जरुरी होगी। दोबारा आए आदेशों के तहत भी नौंवी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ही स्कूल में पहुंचने की अनुमति दी गई है। इस बार सुबह नौ बजे से 12 बजे तक नहीं, बल्कि 10 बजे से दोपहर एक बजे तक कक्षाएं लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों को अभिभावकों की भी सहमति लेना जरुरी है। यदि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में भेजने के लिए राजी होंगे, तब ही विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ाया जाएगा, अन्यथा स्कूल से वापस भेज दिया जाएगा।

    नए आदेशों के तहत अभिभावकों की ओर से दिए गए पत्र की जांच भी की गई। पत्र में यह जांचा गया कि अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए लिखा है या नहीं।

    सरकार के आदेशों के तहत नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों खोले जाने हैं। इसके लिए सभी स्कूल मुखियाओं को स्कूल में सैनिटाइजर की व्यवस्था करने और साफ-सफाई करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। स्कूल खोलने को लेकर विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

    अनिल शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, कैथल।

    जींद में हेल्थ कार्ड के बगैर स्कूलों में नहीं हुई इंट्री, पहले दिन छात्र संख्या रही कम

    सरकारी व निजी स्कूलों में सोमवार से 10वीं व 12वीं की कक्षाएं लगी। पहले दिन बहुत कम संख्या में विद्यार्थी हेल्थ कार्ड ना होने की वजह से स्कूल पहुंचे। जिन विद्यार्थियों के पास हेल्थ कार्ड नहीं था, उन्हें शिक्षकों ने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए भेज दिया। स्वास्थ्य विभाग ने विद्यार्थियों की जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच की सुविधा की हुई है। तापमान चेक करने के साथ-साथ उनमें कोरोना के लक्षण हैं या नहीं, इसकी जांच कर हेल्थ कार्ड जारी किए जा रहे हैं। वहीं जिन विद्यार्थियों में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। एक साथ ज्यादा विद्यार्थियों के जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने से दिक्कत भी आ रही है। जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। निजी स्कूलों ने अभिभावकों से कह कर तीन-चार दिन पहले ही विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा था। लेकिन उस समय स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने के कारण शुरुआत में चिकित्सक बगैर कोरोना टेस्ट के हेल्थ कार्ड बनाने से इंकार करते रहे। जिससे विद्यार्थियों को दिक्कत हुई। जिलेभर में 10वीं व 12वीं के करीब 20 हजार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच होनी है।

    राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नरवाना के शिक्षक जसवंत ने बताया कि पहले दिन कम विद्यार्थी पहुंचे। जिन विद्यार्थियों के पास हेल्थ कार्ड नहीं थे, उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच के लिए भेजा गया है। कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। प्रवेश द्वार पर सबका तापमान चेक किया जा रहा है और मास्क के साथ ही विद्यार्थी की स्कूल में इंट्री होगी।

    निजी स्कूलों में भी पहले दिन छात्र संख्या बहुत कम रही। रोहिल्ला स्कूल जुलाना के कोविड-19 कॉर्डिनेटर दीपक रोहिल्ला ने बताया कि जिनके पास हेल्थ कार्ड नहीं था। उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों का पालन किया गया। जिन विद्यार्थियों ने हेल्थ कार्ड नहीं बनवाए हैं, उन्हें स्वास्थ्य केंद्र में जाकर हेल्थ कार्ड लाने के लिए कहा गया है।

     

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