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हैरान करने वाली धान खरीद में करोड़ों की धोखाधडी, 120 कमीशन एजेंटों को बनाया शिकार

गोहाना के कमीशन एजेंट से धान खरीद की आड़ में 22 करोड़ की धोखाधड़ी की गई। गृह मंत्री अनिल विज तक पहुंचा मामला तो आइजी के आदेश पर नौ आरोपितों पर पुलिस ने की कार्रवाई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 05:30 PM (IST)
हैरान करने वाली धान खरीद में करोड़ों की धोखाधडी, 120 कमीशन एजेंटों को बनाया शिकार
हैरान करने वाली धान खरीद में करोड़ों की धोखाधडी, 120 कमीशन एजेंटों को बनाया शिकार

पानीपत/करनाल, जेएनएन। पुरानी अनाजमंडी गोहाना के कमीशन एजेंटों (आढ़ती) से निसिंग के राइस मिलर्स द्वारा धान खरीद की आड़ में करीब 22 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक कमीशन एजेंट के माध्यम से इस धोखाधड़ी की मार करीब 120 कमीशन एजेंटों पर पड़ी है। 

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पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो मामला गृह मंत्री अनिल विज तक पहुंचा, जिसके बाद करनाल रेंज की आइजी भारती अरोड़ा के आदेश पर निसिंग थाना पुलिस ने तीन फर्मो से जुड़े एक ही परिवार के नौ आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीडि़त ने धोखाधड़ी के साथ-साथ आरोपितों पर जान से मारने की धमकी देने के भी आरोप लगाए हैं।

2007 से शुरू हुआ धोखे का खेल

पीडि़त कमीशन एजेंट मनीष कुमार ने बताया कि उनकी गोहाना की पुरानी अनाजमंडी में लक्ष्मी सेल्स कंपनी के नाम से दुकान है। उनकी मुलाकात 2007 में निसिंग के नव ज्योति एग्रो फूड मिल पर राजेंद्र, सुशील व अनिल सिंगला से हुई थी। आरोप है कि इस दौरान राजेंद्र सिंगला ने उन्हें नवज्योति एग्रो फूड व ताराचंद राइस मिल में धान सप्लाई करने पर बातचीत की और कहा कि सप्लाई के साथ ही भुगतान भी किया जाता रहेगा। 

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विश्वास पर दूसरे कमीशन एजेंट से दिलाई धान

इस पर विश्वास करके वह गोहाना मंडी से अलग-अलग कमीशन एजेंटों से अपनी जिम्मेवारी पर धान खरीद करके उपरोक्त तीनों के राइस मिल में 2008 से सप्लाई करने लगे। शुरू में भुगतान समय पर दिया जाता रहा। पीडि़त ने आरोप लगाते हुए बताया कि 2013-14 मे सुशील सिंगला ने अपनी तीसरी फर्म केटीसी फूड बनाकर धान की सप्लाई लेनी शुरू कर दी। 19 नवंबर 2013 से आठ जनवरी 2016 तक उक्त तीनों आरोपितों की नवज्योति एग्रो फूड में कुल 1,54,732 क्विंटल, तारा चंद राइस मिल में 1,24,857 क्विंटल व केटीसी फूड में 81,108 क्विंटल धान सप्लाई किया। इस धान का 112 करोड 21 लाख 67 हजार 919 रुपये भुगतान 2018 तक कर दिया जबकि 22 करोड़ 63 लाख 64 हजार 116 रुपये का भुगतान आज भी अटका हुआ है। यह भुगतान देने को लेकर पहले आरोपित आश्वासन देते रहे कि जल्द भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन अब आरोपितों ने उन्हें यह रकम लौटाने से इंकार कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाए कि अब उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाने लगी है।

दिलाया 120 कमीशन एजेंटों से धान

पीडि़त मनीष कुमार ने बताया कि जब आरोपित शुरू में उसके साथ कारोबार करने लगे तो भुगतान भी समय पर दिया जाता रहा। इसी से विश्वास भी बन गया और मांग के अनुसार उन्होंने धीरे-धीरे दूसरे कमीशन एजेंटों से भी अपने विश्वास पर धान दिलानी शुरू कर दी। 120 कमीशन एजेंट (आढ़ती) अपना धान सप्लाई कर चुके हैं। अब भुगतान न देने के चलते ये कमीशन एजेंट उस पर दबाव बना रहे हैं जबकि आरोपितों ने बकाया रकम देने से इंकार कर दिया है।

मामले की जांच शुरू : सुखबीर

जांच अधिकारी सुखबीर सिंह का कहना है कि पीडि़त की ओर से दी गई शिकायत में राजेंद्र सिंगला, पंकज, मनोज, विपिन, सुशील, सचिन, अंकित, अनिल व हितेष को आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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