अब बढ़ती ही जाएंगी दुष्कर्मी राम रहीम की मुश्किलें, सजा से हुई शुरूआत
साध्वी यौन शोषण मामले में सजा सुनाए जाने के बाद डेरा प्रमुख की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली है। करीब छह मामलों में भी अब बाबा पर शिकंजा कसा जा सकता है। ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। साध्वियों के यौन शोषण मामले में दस साल के लिए जेल भेजे गए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। हाईकोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में उसके खिलाफ करीब आधा दर्जन संगीन मामले चल रहे हैं जिनमें सख्त सजा का प्रावधान है।
सबसे संगीन केस पत्रकार छत्रपति की हत्या से जुड़ा है, जो उनके बेटे अंशुल छत्रपति लड़ रहे हैं। इस पत्रकार ने साध्वियों की व्यथा को अपने अखबार में जगह दी थी। कोई राजनीतिक संरक्षण भी उन्हें नहीं मिला। अब यह मामला सुर्खियों में आया तो अब स्वराज अभियान के सर्वेसर्वा योगेंद्र यादव ने अपनी फेसबुक वाल पर छत्रपति को न्याय दिलाने की मुहिम चालू की है।
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अदालतों में चल रहे ये मामले
1. रणजीत सिंह की हत्या : 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर कोलियां निवासी रणजीत सिंह की हत्या हो गई। आरोप है कि डेरा प्रबंधकों को शक था कि रणजीत ने अपनी बहन से ही तत्कालीन प्रधानमंत्री और हाई कोर्ट को यौन शोषण संबंधी गुमनाम चिट्ठी लिखवाई जो डेरा में साध्वी थी। राम रहीम इसमें मुख्य साजिश कर्ता है। इस मामले में 16 सितंबर को सीबीआइ कोर्ट में ही सुनवाई होनी है।
2. पत्रकार छत्रपति की हत्या : 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सच' के संपादक रामचंद्र छत्रपति को घर के बाहर गोलियाों से छलनी कर दिया गया। 21 नवंबर 2002 को छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई। 10 नवंबर 2003 को सीबीआइ ने डेरा प्रमुख के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की। आरोप है कि रामचंद्र छत्रपति ने बाबा के खिलाफ रिपोर्ट छापी जिस कारण उसकी हत्या कर दी गई। मामला अदालत में है।
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3. गुरु गोबिंद सिंह जैसी वेशभूषा : मई 2007 में पंजाब के बठिंडा में डेरा सलावतपुरा में गुरमीत सिंह द्वारा सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह की वेशभूषा की नकल करने पर विवाद हुआ। सिखों और डेरा प्रेमियों के बीच कई जगह टकराव के बाद विभिन्न अदालतों में चल रहे केस।
4. सिखों पर गोली चलाना : 7 मई 2007 को सुनाम में प्रदर्शन कर रहे सिखों पर गोली चलाने से युवक कोमल सिंह की मौत। 18 जून 2007 को बठिंडा की अदालत ने डेरा प्रमुख के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। मामला अदालत में चल रहा है।
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5. पूर्व मैनेजर की गुमशुदगी : 2010 में डेरा के पूर्व साधु राम कुमार बिश्नोई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व मैनेजर फकीर चंद की गुमशुदगी की सीबीआइ जांच की मांग की। डेरा प्रमुख के आदेश पर फकीर चंद की हत्या कराने का आरोप लगा। सुबूत न मिलने पर सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की। हाई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट को दी गई है चुनौती।
6. साधुओं को नपुंसक बनाना : फतेहाबाद के टोहाना निवासी हंसराज चौहान ने 17 जुलाई 2012 को हाई कोर्ट में याचिका दे डेरा प्रमुख पर 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का आरोप लगाया। छत्रपति की हत्या प्रकरण के आरोपी निर्मल और कुलदीप ने खुद की मर्जी से नपुंसक बनना किया स्वीकार। मामला अदालत में विचाराधीन।

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