डेरा प्रमुख को भगाने की साजिश कर रहे थे हरियाणा पुलिस के जवान
यौनशोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा प्रमुख की सुरक्षा में लगे पांच जवानों ने पहले गुरमीत को जेल ले जाने से रोका और फिर भगा ले जाने की कोशिश की।
जेएनएन, चंडीगढ़। राम रहीम की सुरक्षा में तैनात हरियाणा पुलिस के पांच जवान भी पूरी तरह उसके रंग में रंग चुके थे। हमेशा साथ रहने वाले इन जवानों ने पहले डेरामुखी को पंचकूला स्थित अदालत में पेशी पर जाने से रोकना चाहा और फिर फैसला खिलाफ आने पर उसे भगा ले जाने की साजिश रच डाली।
राम रहीम को पंचकूला कोर्ट से भगाने की कोशिश में पांच पुलिसकर्मियों और डेरा प्रमुख के दो निजी सुरक्षा गार्डों पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। उपद्रव में पुलिस की भूमिका पर चल रही अभी तक की जांच के मुताबिक हिंसा की शुरुआत भी राम रहीम की सुरक्षा में तैनात इन्हीं सरकारी कमांडो ने की। पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने बताया कि इन लोगों ने पुलिसवालों से हाथापाई की और नाकाम रहने पर नारे लगाए कि हिंदुस्तान को दुनिया के नक्शे से मिटा देंगे, आग लगा देंगे।
डेरा प्रमुख को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद अदालत परिसर में गोलीबारी भी हुई और अभियुक्त गार्ड पुलिस के उच्च अधिकारियों से उलझ गए। वहीं, मौके पर तैनात रहे आइजी सुभाष यादव ने हंगामे के दौरान खुद को थप्पड़ मारे जाने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख के सुरक्षा गार्डों ने बहस जरूर की थी जिसके बाद उनके खिलाफ तुरंत एक्शन ले लिया गया।
इन गार्डों पर हुई देशद्रोह की कार्रवाई
पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर रामभगत की शिकायत पर डेरा मुखी के सिक्योरिटी गार्ड एसआई कृष्ण दास, हेड कांस्टेबल विजय कुमार, हेड कांस्टेबल अजय, ईएस रामबीर, कांस्टेबल बलवान, प्राइवेट गार्ड प्रीतम व सुखबीर के खिलाफ देशद्रोह समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सिक्योरिटी गार्ड के हथियार भी लिए कब्जे में लिए गए हैं।
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