दुष्यंत चौटाला के घर जुटी हरियाणा सरकार, लाइव दिखे पीएम मोदी, किसानों की चिंता, फिर गरम लंच
हरियाणा में मंत्री समूह की बैठक इस बार राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के घर पर हुई। मंत्री समूह की बैठक में कांग्रेस को उसकी भाषा में ही जवाब देने की रणनीति बनी। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से जिला व हलकावार रिपोर्ट ली।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन (BJP-JJP alliance) की सरकार में वीरवार को नई परंपरा आगे बढ़ती दिखाई दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाले मंत्री समूह की बैठक इस बार डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सरकारी निवास पर हुई। इससे पहले कृषि मंत्री जेपी दलाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के निवास पर यह बैठकें हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री अपनी सरकारी गाड़ी से चलकर डिप्टी सीएम के आवास पर पहुंचे और किसान आंदोलन से उपजे हालात समेत विभिन्न मुद्दों पर अपने मंत्रियों के साथ सलाह-मशविरा किया।
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सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला समेत पूरी कैबिनेट ने पहले टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन की आधारशिला रखने के लाइव कार्यक्रम को मिल-बैठकर देखा। फिर किसान आंदोलन पर कांग्रेस को घेरने तथा कांग्रेसियों को उन्हीं के हथियार से घेरने की रणनीति तैयार की गई।
निजी यात्रा से लौटे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पूरी कैबिनेट को अपनी तरफ से दोपहर का भोजन भी कराया। कोरोना संक्रमित होने की वजह से गृह मंत्री अनिल विज, परिवार में विवाह समारोह के चलते शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और निजी व्यस्तता के चलते परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा डिप्टी सीएम के निवास पर हुए त्रि-स्तरीय आयोजनों में शामिल नहीं हुए।
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प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देखने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर है तथा उन्हें एमएसपी की गारंटी दे दी गई है। इसके बावजूद कांग्रेस किसानों को गुमराह करते हुए पूरे आंदोलन को संचालित करने में लगी है, जो कि किसान, प्रदेश और देश हित में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वह किसानों व लोगों के बीच में इस बात का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें, जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे और उन्हें मुख्यमंत्रियों के कार्य समूह का अध्यक्ष बनाया गया था। तब उन्होंने खुले बाजार की वकालत करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। अब प्रधानमंत्री मोदी ने इन सिफारिशों को लागू किया तो हुड्डा और उनके दूसरे कांग्रेसी मित्र इसका विरोध कर रहे हैं। मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करें।
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बैठक में किसान आंदोलन के पीछे पंजाब सरकार के क्रियाकलापों पर भी चर्चा की गई। साथ ही मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम को अधिकृत किया गया कि वे केंद्र के संपर्क में रहते हुए किसानों के हित में ज्यादा से ज्यादा फैसले कराएं। सीएम ने बैठक में मौजूद रहे मंत्रियों से उनके जिलों एवं हलकों को लेकर फीडबैक लिया।
मनोहर-दुष्यंत की दोस्ती पर फैविकोल का जोड़
हरियाणा के मौजूदा हालात में दुष्यंत चौटाला के निवास पर हुई बैठक के राजनीतिक मायने हैं। आंदोलनकारी किसानों के अलावा विपक्षी दलों द्वारा भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी पर सरकार से समर्थन वापसी का दबाव बनाया जा रहा है। दुष्यंत के आवास पर बैठक होने का मतलब साफ है कि भाजपा व जजपा ने मिलकर यह संदेश दिया है कि उनकी दोस्ती को किसी तरह का खतरा नहीं है।
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किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का संकेत
मंत्री समूह की बैठक के बाद एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का विषय सामान्य है। आपस में मिल बैठकर विचार करेंगे। किसान हमारे अपने हैं और जो अपने होते हैं उनके बारे में सरकार फैसले करती है। केंद्र सरकार किसानों की बात पूरी तरह से मान चुकी है, इसलिए ठंड और कोरोना काल को देखते हुए किसानों को अपने घर लौट जाना चाहिए।
मजबूत है गठबंधन, पूरे करेंगे पांच साल
सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं होने के विपक्षी दलों के बयान पर मनोहर लाल ने कहा कि गठबंधन सरकार पूरी तरह से मजबूत है। गठबंधन अपना एक साल पूरा कर चुका है और आगे चार वर्ष भी इसी मजबूती के साथ पूरे करेंगे। किसान आंदोलन के पीछे पंजाब व हरियाणा के कुछ राजनीतिक दल इसके पीछे हैं। अकाली दल, टीएमसी, बीएसपी, सपा, डीएमके सहित कई पार्टियों ने बिलों का समर्थन किया था। आंदोलन केवल इसलिए किया जा रहा है, ताकि मोदी सरकार को दबाया जा सके, लेकिन ऐसा संभव नहीं है।
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