दुष्कर्मी बाबा को बीस साल का सश्रम कारावास व 30 लाख जुर्माना, बेटे को मिल सकती है कमान
साध्वी यौनशोषण मामले में दोषी करार दिए जा चुके गुरमीत राम रहीम को आज सीबीआइ कोर्ट ने बीस साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के दौरान सिरसा में डेरा प्रेमियों ने दो वाहनों का आग लगा दी।
जेएनएन, चंडीगढ़। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रोया, गिड़गिड़ाया, लेकिन कोर्ट ने उसके जघन्य अपराध को देखते हुए रहम नहीं किया। कोर्ट ने सोमवार को दो साध्वियों के यौन शोषण के दोषी सिद्ध हो चुके राम रहीम को दोनों केसों में दस-दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। उस पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस राशि में से 14-14 लाख दोनों पीडि़ताओं को मिलेंगे। पंचकूला में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने 25 अगस्त को राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की तीन धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की अस्मत से खिलवाड़) के तहत दोषी ठहराया था।
वहीं बताया जा रहा है कि डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद राम रहीम का बेटा जमसीत इन्सां डेरे की कमान संभाल सकता है। डेरा प्रमुख की पत्नी ने जममीत इन्सां को डेरा सच्चा सौदा का प्रतिनिधि नियुक्त करने की इच्छा जाहिर की है। डेरा सच्चा सौदा की ओर से मंगलवार को इसपर फैसला लिये जाने की संभावना है।
रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस, आजीवन कारावास हो : अभियोजन
अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है। राम रहीम ने भावनाओं का दोहन किया है। उन बालिकाओं के साथ दुष्कर्म किया जो उसे पिता कहती थीं। भगवान मानती थीं। उस पर किसी तरह का रहम नहीं किया जाना चाहिए। उसे आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।
सामाजिक कार्यो को देखते हुए रहम करें: बचाव पक्ष
बचाव पक्ष के वकील ने राम रहीम की तरफ से चलाए जाने वाले समाज सेवा के कार्यों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राम रहीम ने समाज सेवा के 133 काम किए हैं। इसलिए कोर्ट को नरम रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने डेरा प्रमुख की जेल बदलने की भी मांग की।
2:30 बजे कोर्ट रूम पहुंचे जज जगदीप सिंह
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह दोपहर बाद ठीक 2: 30 बजे कोर्ट रूम पहुंचे। इसके बाद उन्होंने फाइल आदि देखी और 15 मिनट बाद की कार्यवाही शुरु कर दी। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों को सजा पर बहस के लिए दस-दस मिनट का समय दिया। दोनों पक्षों ने आवंटित किए गए समय में ही अपनी दलीलें पूरी कर लीं और उसके कुछ देर बाद सजा सुना दी गई।
सिर पकड़कर रोने लगा
रोहतक की सुनारिया जेल की लाइब्रेरी में बनाए गए अस्थायी कोर्ट रूम में सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम सिर पकड़कर जमीन पर बैठ गया और रोने लगा। उसे कोर्ट रूम से जबरदस्ती बाहर निकाला गया। जेल अधिकारियों के मुताबिक उसकी काउंसिलिंग भी की गई।
पहनाए गए कैदियों वाले कपड़े, कैदी नंबर भी बदलेगा
कोर्ट रूम से बाहर निकालने के बाद राम रहीम का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और बैरक में ले जाया गया। वहां उसे जेल में कैदियों को मिलने वाली पोशाक दी गई। अब उसे जेल के नियमों के तहत काम करना पड़ेगा। उसका कैदी नंबर भी बदला जाएगा जो अब तक 1997 था।
राम रहीम के पास अब सजा के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट जाने का विकल्प है। आज समय कम होने के कारण वह एेसा नहीं कर पाएगा, लेकिन बहुत संभव है कल वह हाई कोर्ट में अपील दायर करे। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रियों, मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की बैठक बुलाई। इसमें कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई।
सिरसा में डेरा प्रेमियों द्वारा जलाया गया वाहन।
बता दें, सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में विशेष कोर्ट लगाई गई। इससे पूर्व दोनों पक्षों को दलील देने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया गया। इस दौरान गुरमीत राम रहीम भी कोर्ट में मौजूद रहा और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे। वह रहम की अपील करता रहा। सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रेमियों ने सिरसा के फुल्का गांव में दो गाड़ियों में आग लगाई। इसकी सूचना भी कोर्ट को दी गई।
सुनारिया जेल के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मी।
सुरक्षा का मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है। सजा के मद्देनजर सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में रहा। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह पंचकूला से हेलीकॉप्टर से पहुंचे। यह पहली बार हुआ जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई गई। डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने के बाद सीएम मनोहर लाल ने वरिष्ठ अफसरों और मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई और राज्य में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
सीबीआइ जज को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है। उन दो साध्वियों को भी कड़ी सुरक्षा दी गई है, जिन्होंने गुरमीत द्वारा यौनशोषण की बात कही थी। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की 26 कंपनियां तथा पुलिस तैनात की गई हैं। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। उपद्रवियों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
सोनारिया जेल के बाहर तैनात सुरक्षा बल।
सीबीआइ कोर्ट ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की तीन धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) के तहत दोषी ठहराया है। पंचकूला में हुई आगजनी से सबक लेते सरकार ने रोहतक जेल के बाहर पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया। पुलिस और सुरक्षा बलों को मौके पर ही तुरंत एक्शन लेने व उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। हेलीकॉप्टर व ड्रोन से नजर रखी जा रही है। अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना स्टैंड बाई पर रहेगी।
यह भी पढ़ेंः गुरमीत राम रहीम सिंह की गाड़ी में मिले महिलाओं के अंडर गारमेंट्स
डेरा प्रेमी हंगामा न करें इसके लिए सिरसा में गश्त करती आर्मी।
खट्टर के निवास की सुरक्षा कड़ी
इस बीच डेरा प्रमुख को सजा के मद्देनजर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निवास और हरियाणा सचिवालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इन दोनों स्थानों को अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया है। सभी मार्गों पर नाकेबंदी कर दी गई है, ताकि कोई सीएम निवास पर पहुंच न सकें।
पंजाब में भी सुरक्षा कड़ी
पंजाब में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पंजाब के चार जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। इनमें बरनाला, मानसा, बठिंडा व पटियाला शामिल हैं। पटियाला के सिर्फ समाना व पातड़ां में ही कर्फ्यू है। हरियाणा में सिरसा के अलावा अन्य सभी जगहों से कर्फ्यू हटा दिया गया है।
यह भी पढ़ेंः स्वयं को 'भगवान' प्रोजेक्ट करने की तैयारी में था राम रहीम
पंजाब के नाम चर्चा घरों को खाली करा पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस तैनात की गई है। स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी रहेगी। इंटरनेट सेवाएं व इंटर स्टेट बस सेवा भी बंद रहेगी। बसों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इंटरनेट सेवा पर रोक मंगलवार सुबह 11.30 बजे तक जारी रहेगी।
यह भी पढ़ेंः डेरा प्रमुख को भगाने की साजिश कर रहे थे हरियाणा पुलिस के जवान
गुरमीत को दोषी करार दिए जाने के बाद प्रेमियों ने पंचकूला में वाहन फूंके थे।
सिरसा डेरे से 34 बच्चे सुरक्षित स्थानों के लिए रवाना
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है। डेरा स्थित शाही आश्रम से लाए गए 34 बच्चों को सुरक्षित स्थान के लिए रवाना कर दिया गया है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी दर्शना ने बताया कि डेरे में अन्य शाही बेटियों को भी सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी है। फिलहाल सभी शाही आश्रम में बेटियां सुरक्षित हैं।
यह भी पढ़ेंः डेरे के कुर्बानी जत्थे के सदस्यों के लिए तैयार 'सुसाइड बैग' बरामद
डेरा के खाते सीज, कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लेन-देन
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद डेरा सच्चा सौदा व राम रहीम के निजी बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। डेरामुखी, उनके करीबियों व कर्मचारियों के अकाउंट के बाद तीन बैंकों के खातों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा सकते हैं। डेरे का सबसे ज्यादा लेन-देन ओबीसी और एचडीएफसी बैंक में हुआ है। इसके अलावा कई बैंकों में खाते हैं। कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लेन-देन हुआ है।
मृतकों की संख्या 38 पहुंची
डेरा प्रेमियों के उपद्रव में मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को भड़की ङ्क्षहसा में जहां पंचकूला में कुल 32 लोगों की मौत हुई, वहीं सिरसा में छह डेरा समर्थक मारे गए।
पंचकूला में 25 अगस्त को हंगामा मचाते डेरा प्रेमी।
पंचकूला में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि पंचकूला हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वाले मुआवजे के हकदार नहीं है। साथ ही उन्होंने केंद्र से पंचकूला हिंसा की जांच की मांग की है। कैप्टन ने कहा कि हरियाणा ने पंजाब को कोई इनपुट नहीं दिया।
यह भी पढ़ेंः इंटरनेशनल कुख्यात आतंकवादी दूरजंट सिंह का जीजा है राम रहीम
गुमनाम पत्र में लगाए गए थे संगीन आरोप
गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीडि़ता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।
यही वो पत्र है जिसके आधार पर केस चला।
आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।
सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। डेरा प्रमुख को उक्त मामले में अदालत से जमानत तो मिल गई, परंतु पिछले लंबे समय से मामला पंचकूला की सीबीआई अदालत में चल रहा था। सीबीआइ कोर्ट ने 25 अगस्त को इस मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दे दिया था।
साहू के बेटे ने सजा पर जताया संतोष
दिवंगत पत्रकार छत्रपति साहू के बेटे अंशुल छत्रपति ने गुरमीत राम रहीम को मिली सजा पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इतने साल पर पीड़ित को न्याय मिला। उनकी पिता की हत्या का आरोप भी गुरमीत पर है। उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में भी गुरमीत दोषी करार दिया जाएगा।
छत्रपति साहू का बेटा अंशुल साहू।
टाइम लाइन
-15 मई 2002 में एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को लिखा गया था।
-24 सितंबर 2002 को मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई।
-30 जुलाई 2007 को मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र पेश कर दिया।
-28 फरवरी 2009 को एक दुष्कर्म पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-9 सितंबर 2010 को दूसरी पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-30 जुलाई 2013 प्रमुख जांच अधिकारी सतीश डागर ने बयान दर्ज करवाए।
-2 नवंबर 2014 को डेरा प्रमुख ने बयानों में खुद को शारीरिक तौर पर सेक्स करने के लिए फिट नहीं होना बताया।
-17 अगस्त 2017 को कोर्ट ने 15 साल सुनवाई के बाद फैसले की तिथि सुना दी।
-25 अगस्त 2017 राम रहीम दोषी करार, रोहतक की सुनारिया जेल भेजे गए।
-28 अगस्त 2017 राम रहीम को बीस साल की सजा।
यह भी पढ़ेंः जेल जाने की तैयारी से आया था राम रहीम, डेरे से लेकर आया था खाना और पोशाक
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।