इंटरनेशनल कुख्यात आतंकवादी दूरजंट सिंह का जीजा है राम रहीम
यौनशोषण मामले में दोषी करार दिया जा चुका डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम कुख्यात आतंकी दूरजंट सिंह राजस्थानी का जीजा है।
भिवानी [अशोक ढिकाव]। राम रहीम के रिश्ते कुख्यात आतंकी दूरजंट सिंह राजस्थानी से रहे हैं। ऑपरेशन दूरजंट सिंह में शामिल रहे पुलिस अधिकारी राजपाल सिंह के मुताबिक दूरजंट डेरा प्रमुख राम रहीम का साला था।
आइजी रह चुके राजपाल सिंह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 1990 के दशक में दूरजंट सिंह कुख्यात था। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के तत्कालीन एसपी ने उस समय हरियाणा पुलिस के साथ मीटिंग कर दूरजंट सिंह को पकड़ने में सहयोग करने की अपील की। राजपाल सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि हरियाणा की तरफ से पुलिस अधिकारी के तौर पर वह दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की मीटिंग में मौजूद थे।
उसी मीटिंग में जानकारी दी गई थी कि दूरजंट सिंह राजस्थानी जिस पर 50 हजार रुपये का इनाम था, वह राम रहीम गुरमीत सिंह का साला है। मीटिंग में यह बात जानकारी भी सामने आई कि डेरे पर भी दूरजंट सिंह का खासा प्रभाव था। उसके सहयोग के कारण ही राम रहीम सन 1990 में डेरे की गद्दी हथियाने में सफल हुआ। बाद में राजस्थान पुलिस के साथ मुठभेड़ में दूरजंट सिंह मारा गया।
राजपाल सिंह ने बताया कि डेरे से जुड़े पहले विवाद के जांच अधिकारी वही थे। सन 2002 में डेरे के प्रबंधन समिति के सदस्य कुरुक्षेत्र के खानपुर (पिपली) गांव निवासी रणजीत डेरे को छोड़कर अपने परिवार को लेकर गांव चला गया। रणजीत सिंह को उसकी बहन ने राम रहीम के अपने साथ दुष्कर्म करने की व्यथा सुनाई। इसके बाद उसने कुरुक्षेत्र तर्कशील सोसायटी के साथ मिलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस व भारत सरकार को पत्र लिखकर डेरे के अंदर चल रहे घिनौने कृत्यों की जानकारी गुमनाम पत्र से दी।
उसके कुछ दिन बाद ही वह अपने खेतों में काम कर रहा था तो गाड़ी में सवार होकर आए कुछ लोगों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले की जांच उन्हें मिली थी। उन्होंने बताया कि गोली मारने का अभियुक्त डेरा कमेटी का सदस्य पाया गया। प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण गुरमित राम रहीम ने जांच में सहयोग नही किया। यहां तक कि उसके अनुयायी नोटिस देने के बाद भी तफतीश में शामिल नहीं हुए।
रणजीत के पिता गुरुनाम सिंह ने यह चिट्ठी सिरसा के स्थानीय पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को सौंप दी। छत्रपति ने छाप दिया। इसके बाद 24 अक्टूबर 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। छत्रपति हत्याकांड में पंजाब पुलिस का सिपाही सबदिल सिंह गिरफ्तार किया गया, जो राम रहीम का अनुयायी था। उसने पूछताछ में डेरे से जुड़े कई राज बताए थे।
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