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जनता मांगे आरआरटीएस: डीपीआर मंजूर कराने के लिए मुख्यमंत्री को लिखेंगे पत्र

ग्रामीण उत्थान भारत निर्माण नामक संगठन के संयोजक डा. टीसी राव रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरअीएस) की डीपीआर केंद्र सरकार से मंजूर कराने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jun 2022 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jun 2022 07:09 PM (IST)
जनता मांगे आरआरटीएस: डीपीआर मंजूर कराने के लिए मुख्यमंत्री को लिखेंगे पत्र

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: ग्रामीण उत्थान, भारत निर्माण नामक संगठन के संयोजक डा. टीसी राव रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरअीएस) की डीपीआर केंद्र सरकार से मंजूर कराने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखेंगे। वह पत्र के माध्यम से यह भी मांग करेंगे कि प्रोजेक्ट के ऊपर सबसे पहले हरियाणा में जमीनी स्तर पर काम शुरू कराया जाए क्योंकि जमीनी स्तर पर काम शुरू करने से पहले की काफी तैयारी हरियाणा में हो चुकी है। ऐसे में डीपीआर मंजूर होते ही जमीनी स्तर पर काम काफी तेजी से शुरू हो जाएगा।

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दैनिक जागरण से बातचीत में डा. टीसी राव ने कहा कि आरआरटीएस प्रोजेक्ट बहुत ही बेहतर है। यदि समय से इस प्रोजेक्ट के ऊपर काम हो जाता तो आज दिल्ली-एनसीआर में कई समस्याएं दिखाई नहीं देतीं। दैनिक जागरण ने केंद्र सरकार से डीपीआर की मंजूरी दिलाने को लेकर जो मुहिम चला रखी है, इसकी जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। यह मुहिम यह दर्शाती है कि दैनिक जागरण केवल अखबार नहीं बल्कि मित्र भी है। विकास की गति तेज हो, इसकी चिता करता है।

डा. टीसी राव ने कहा कि आज दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव इतना बढ़ चुका है कि कुछ किलोमीटर तक कहीं आने-जाने के लिए सोचना पड़ता है। कई इलाकों में 24 घंटे ट्रैफिक का दबाव है। इससे विकास प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आरआरटीएस कई समस्याओं का समाधान है। जितनी जल्द हो जमीनी स्तर पर काम शुरू कराया जाए।

बता दें कि प्रथम चरण के दौरान रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में एसएनबी से लेकर सोतानाला तक और तीसरे चरण में अलवर तक कारिडोर विकसित किया जाएगा। कारिडोर पर काम शुरू करने से पहले के कई तरह कार्य पूरे हो चुके हैं। उदाहरणस्वरूप मिट्टी की जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है। हाइटेंशन लाइनों को शिफ्ट करने का कार्य जारी है।


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