स्मिता पाटिल के बेटे Prateik Babbar को गोद लेना चाहती थीं Shabana Azmi, बोले- 'मैं फरहान अख्तर का सौतेला भाई...'
स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर (Prateik Babbar) ने एक हालिया इंटरव्यू में बताया कि उनकी मां की सबसे बड़ी राइवल रहीं शबाना आजमी कभी उन्हे अडॉप्ट करने वाली थीं। वह शबाना के साथ इमेजनरी रेन में काम कर चुके हैं। हाल ही में प्रतीक ने अपने बारे में कुछ अनसुने किस्से बताए हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। स्मिता पाटिल (Smita Patil) सिर्फ 31 साल की थीं, जब प्रतीक बब्बर को जन्म देने के बाद चाइल्ड बर्थ कॉम्प्लीकेशंस मे उनकी जान चली गई थी। उस वक्त स्मिता की राइवल रहीं शबाना आजमी (Shabana Azmi) प्रतीक को गोद लेना चाहती थी। खुद अभिनेता ने एक इंटरव्यू में इसका जिक्र किया है।
70 के दशक में स्मिता और शबाना आजमी पैरलल सिनेमा की टॉप एक्ट्रेसेज थीं और दोनों बीच राइवलरी भी चलती रहती थी। हालांकि, जब स्मिता का निधन हुआ तो उन्हें बुरा झटका लगा था। वह और जावेद अख्तर तो प्रतीक को गोद भी लेना चाहते थे। एक हालिया इंटरव्यू में प्रतीक बब्बर ने एक अनसुना किस्सा शेयर किया है।
शबाना लेने वाली थीं प्रतीक को गोद
प्रतीक बब्बर ने जूम को दिए इंटरव्यू में कहा, "मुझे हाल ही में पता चला कि शबाना जी और जावेद साहब मेरी मां के निधन के बाद मुझे गोद लेना चाहते थे। यह थोड़ा कॉम्प्लीकेटेड था। मैं फरहान का सौतेला भाई हो सकता था (हंसते हुए)। मुझे हर समय अपने बारे में ये नई चीजें मिलती रहती हैं। यह बहुत ओवरव्हेल्मिंग करने वाला भी है। ये होता तो मैं पता नहीं कैसी जिंदगी जी रहा होता।"
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प्रतीक के लिए हुई थी कस्टडी फाइट
प्रतीक बब्बर ने बताया कि उनके बारे में कई खबरें हैं जो वह सुनते आ रहे हैं। जिनमें से एक उनकी कस्टडी फाइट भी है। अभिनेता ने कहा, "बचपन में मेरे बारे में कई बातें सुनने को मिलती हैं। बचपन में मेरी कस्टडी के लिए लड़ाई हुई थी। मैं बहुत छोटा था, बस रोता रहता था, मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। लोग मुझे गोद लेना चाहते थे।"
मिर्च मसाला के सेट पर स्मिता ने किया था कंसीव
प्रतीक बब्बर ने आगे कहा, "उन्हें इंडस्ट्री में कलीग्स और दोस्तों से जो प्यार और सम्मान मिला, उसके लिए मैं आभारी हूं। शबाना जी भी उनमें से एक थीं, साथ ही जावेद साहब भी। अमित जी (अमिताभ बच्चन) हमेशा बहुत दयालु और सहायक रहे हैं। मुझे लगता है कि उनके समय के सभी लोग, जिनके साथ उन्होंने स्क्रीन शेयर किया जैसे नसीर साहब (नसीरुद्दीन शाह), रत्ना (पाठक शाह) जी, दिवंगत महान श्याम बेनेगल। वह एक अलग युग था। मुझे हाल ही में अपने बारे में पता चला कि मैं जन्म मिर्च मसाला (1987) के सेट पर कंसीव हुआ था।"
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