Sanjeev Kumar की वजह से अनिल कपूर बन पाए एक्टर, 'शोले' के 'कंजूस' ठाकुर ने की थी लाखों की मदद
बॉलीवुड में अपनी झकास एक्टिंग के बलबूते पर अनिल कपूर 45 साल से ज्यादा का समय बिता चुके हैं। हालांकि, उनकी बॉलीवुड में एंट्री का पूरा श्रेय शोले के 'ठाकुर' को जाता है। कंजूस कहलाने वाले दिग्गज अभिनेता संजीव कुमार की वजह से रातों-रात कैसे बदली थी अनिल कपूर की किस्मत, चलिए आपको बताते हैं।

संजीव कुमार की वजह से हीरो बन पाए अनिल कपूर/ फोटो- Imdb
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अनिल कपूर 68 साल की उम्र में भी लगातार फिल्मों में एक्टिव हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'वो 7 दिन' से की थी। उनकी पहली ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त बिजनेस किया था। अगर आज अनिल कपूर को बॉलीवुड का 'झकास' एक्टर कहा जाता है, तो इसका पूरा श्रेय संजीव कुमार को जाता है।
संजीव कुमार ही वह एक्टर थे, जिनकी वजह से अनिल कपूर को हिंदी सिनेमा में एंट्री मिली। इसका खुलासा खुद बोनी कपूर ने एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि उनके पिता प्रोड्यूसर थे, लेकिन इसके बावजूद उनके पास फिल्म बनाने के लिए पैसे नहीं थे। कैसे अनिल कपूर के लिए संजीव कुमार बने थे मसीहा, नीचे विस्तार से पढ़ें पूरी कहानी:
अधूरी फिल्म देखकर खुश हो गए थे बोनी कपूर
अनिल कपूर के बड़े भाई बोनी कपूर ने कोमल नहाटा को दिए गए एक इंटरव्यू में 'वो 7 दिन' बनाने में उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इसका अनुभव शेयर किया था।
"वो 7 दिन तमिल फिल्म 'अंधा 7 नाटकल' का हिंदी रीमेक था। निर्देशक बापू इस फिल्म को तेलुगु में 'राधा कल्याणम' के नाम से बना रहे थे। तेलुगु में 'अंधा 7 नाटकल' का रीमेक बनाने से पहले जब बापू ये फिल्म देखने पहुंचे, तो मैं भी उनके साथ था और मैंने भी फिल्म देखी। उस समय ये 80 प्रतिशत ही बनी थी और अधूरी थी। डायरेक्टर भाग्यराज न जिस तरह से 'अंधा 7 नाटकल' के सभी कैरेक्टर को दर्शाया था, उसे देखकर मैंने बहुत ही पॉजिटिव रिस्पांस दिया था। मैंने तभी तय कर लिया था कि मैं फिल्म के राइट्स खरीदकर इसे हिंदी में बनाऊंगा"।
कंजूस संजीव कुमार की वजह से मिले थे राइट्स
बोनी कपूर ने आगे कहा, "मैं चेन्नई गया, लेकिन मैंने देखा कि वहां पर कई प्रोड्यूसर और एक्टर खड़े हैं, जिनकी नजर भाग्यराज की फिल्म पर है। भाग्यराज उस समय के बड़े डायरेक्टर थे, इसलिए उनकी फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए काफी भीड़ लगी हुई थी। मैं एक महीने के लिए वहां पर था और 'अंधा 7 नाटकल' की रिलीज से 2-3 दिन पहले मेकर्स को पैसों की कमी हो गई। किसी ने निर्माता को समझाया कि वह फाइनेंसर को पैसे दे देगा, लेकिन उन्हें रीमेक राइट्स मुझे देने चाहिए। उन्हें जो अमाउंट अगले दिन तक चाहिए था, वह 1 लाख 25 हजार का था, जो बहुत बड़ी रकम थी और मेरे पास इतने पैसे नहीं थे।
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निर्माता ने बताया कि राइट्स नहीं मिले तो वह मुंबई लौट आए, लेकिन उनके चेहरे पर एक उदासी थी, जो संजीव कुमार भांप गए थे। पैकअप के बाद, वह मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरा चेहरा इतना उदास क्यों है। मैंने उन्हें बताया कि क्या हुआ और सीधा कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझे इस फिल्म के राइट्स मिलेंगे। अगले दिन संजीव कुमार ने मुझे अपने रूम पर मिलने के लिए बुलाया"।
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तकिए के नीचे पड़े थे इतने लाख रुपए
बोनी कपूर ने संजीव कुमार की दरियादिली को याद करते हुए आगे कहा, "मैं उनके रूम पर गया। उन्होंने मुझे कहीं पर तकिया रखा था उसे हटाने के लिए कहा। मैंने तकिया हटाया तो उसके पीछे पैसे रखे हुए थे। उन्होंने मुझसे कहा, ये 1 लाख 25 हजार रुपए हैं, इसे रखो और तुरंत मूवी के राइट्स खरीद लो। संजीव कुमार को उस समय पर लोग सबसे कंजूस एक्टर कहते थे, लेकिन उन्होंने मेरी मदद की। मैंने उनसे कहा कि मैं आपको ये पैसा इंस्टालमेंट में दे दूंगा, लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि सबसे पहले जाओ और इसके राइट्स लो। शबाना आजमी ने भी मुझे 25 हजार दिए थे, तो मैंने उनके वापस कर दिए और संजीव कुमार के दिए पैसों से मैंने अंधा 7 नाटकल' के राइट्स खरीदे।
आपको बता दें कि वो 7 दिन अनिल कपूर के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है, जिसे बापू ने डायरेक्टर किया था। मूवी में अनिल कपूर के साथ पद्मिनी कोल्हापुरे, नसीरुद्दीन शाह और सतीश कौशिक अहम भूमिका में थे।

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