जब मोहम्मद रफी संग Lata Mangeshkar ने लगाया था सुर, 'सॉन्ग ऑफ द ईयर' बन गया था राजेश खन्ना का ये गीत?
Lata Mangeshkar हिंदी सिनेमा जगत की दिग्गज गायिका रही थीं। अपने दौर में उन्होंने एक से बढ़कर एक गीत के जरिए फैंस के दिलों को जीता था। एक ऐसा ही गीत उन्होंने सुरों के सरताज मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) संग मिलकर गाया था जो राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और मुमताज पर फिल्माया गया था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पुराने गीत सुनने से दिल को काफी सुकून पहुंचता है। अगर गुजरे जमाने के सर्वश्रेष्ठ गायकों के बारे में जिक्र किया जाए तो उसमें सुरों की कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) और सुरों के सरताज मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) की जोड़ी का नाम शामिल होता है। आज लता जी की बर्थ एनिवर्सरी मनाई जा रही है और इस आधार पर हम आपके लिए उनके द्वारा गाए गए एक बेस्ट सॉन्ग का किस्सा लेकर आए हैं, जिसे उन्होंने रफी साहब के साथ मिलकर गाया था।
राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और मुमताज (Mumtaz) पर फिल्माया गया वह गीत उस साल के बेस्ट सॉन्ग में से शामिल हुआ था। आइए जानते हैं कि यहां कौन से गाने के बारे में जिक्र किया जा रहा है।
लता और रफी का कल्ट गीत
मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर ने एक साथ मिलकर एक से बढ़कर एक गीत को अपनी आवाज दी थीं। दोनों की जोड़ी को एक साथ सुनना फैंस को काफी पसंद आता था। ऐसा ही एक सुपरहिट सॉन्ग इन दोनों ने मिलकर साल 1969 में आई फिल्म दो रास्ते के लिए गाया था। जिसमें राजेश खन्ना और मुमताज ने लीड रोल प्ले किया था।
फोटो क्रेडिट- फेसबुक
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गाने के बोले थे- छुप गए सारे नजारे... एक रोमांटिक गीत के तौर पर इसे काफी पसंद किया गया था। बरसात के मौसम में काका और मुमताज पर ये आईकॉनिक सॉन्ग फिल्माया गया था। जिसने हर किसी को दिलों को जीता। लता मंगेशकर और मोहम्मद रफाी का ये गाना आज भी कल्ट माना जाता है और बात जब रोमांटिक गीतों की जाए तो इसका जिक्र होने बनता है।
आनंद बक्शी ने इस गाने के बोल को लिखा था। जबकि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने अपने संगीत की धुन से इसे सादगी भर दी। बाकी का काम रफी और लता ने अपनी मधुर आवाज के जरिए कर दिया और हिंदी सिनेमा में छुप गए सारे नजारे को हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया।
लता मंगेशकर ने गाए कितने गीत?
13 साल की उम्र से लता मंगेशकर ने गीत गाना शुरू कर दिया था। 1942 से लेकर 2019 तक अपने सुनहरे सिंगिंग करियर में उन्होंने 36 भाषाओं में करीब 30 हजार से अधिक गीतों को अपनी जादुई आवाज दी थी। हिंदी सिनेमा में उनकी गायकी के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता।
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