'भुखमरी और बेरोजगारी से गुजरा लेकिन...' 27 नया पैसा लेकर Javed Akhtar आए थे मुंबई, ऐसे बीते संघर्ष के दिन
दीवार जंजीर और शोले जैसी फिल्मों की कहानी लिखने वाले जावेद अख्तर (Javed Akhtar) को इंडस्ट्री में आने से पहले और आने के बाद भी काफी संघर्ष करना पड़ा था। हाल ही में स्क्रीनराइटर ने रिवील किया है कि 61 साल पहले वह किस तरह बेघर और बेरोजगार थे। वह भुखमरी से भी गुजरे।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सिनेमा जगत को बेहतरीन फिल्मों और गीतों से नवाजने वाले जावेद अख्तर (Javed Akhtar) जब कुछ बड़ा करने का ख्वाब लिए मुंबई आए थे, तब उन्हें नहीं पता था कि यहां बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। न घर था, ना खाना और ना ही काम... जावेद ने हाल ही में अपने संघर्षों पर बात की है।
जावेद अख्तर करीब 61 साल पहले जेब में चंद रुपये लेकर मुंबई आए थे। भले ही उस वक्त उनके पास कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी पॉजिटिविटी को नहीं खोने दिया। उन्होंने 61 साल बाद मुंबई, महाराष्ट्र और अपने देश को धन्यवाद किया है।
जावेद अख्तर ने याद किए संघर्ष के दिन
शनिवार को जावेद अख्तर ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "4 अक्टूबर 1964 को, एक 19 साल लड़का अपनी जेब में 27 नए पैसे लेकर बॉम्बे सेंट्रल स्टेशन पर उतरा था। बेघर, भुखमरी और बेरोजगारी से गुजरा, लेकिन जब मैं कुल मिलाकर देखता हूं तो मुझे लगता है कि जिंदगी मुझ पर बहुत मेहरबान रही है। इसके लिए मैं मुंबई, महाराष्ट्र, अपने देश और उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करने से खुद को नहीं रोक सकता, जिन्होंने काम को प्यार से देखा। बहुत-बहुत धन्यवाद।"
On 4th October 1964 a 19 year old boy had disembarked at Bombay central station with 27 naya paisa in his pocket . Went through homelessness , starvation , unemployment but when I look at the grand total i feel life has been too kind to me . For that I can not but help but thank…
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) October 4, 2025
यह भी पढ़ें- 'बंगाली मुसलमान भी हिन्दू हैं', तस्लीमा नसरीन के तर्क पर क्या बोले दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर?
जावेद अख्तर को ऐसे मिली पहचान
जो लोग जावेद अख्तर को जानते हैं, उन्हें मालूम होगा कि वह एक लेखक के अलावा गीतकार और कवि भी हैं। उनकी जोड़ी सलमान खान के पिता सलीम खान के साथ खूब जमी। दोनों ने मिलकर सिनेमा को एक से बढ़कर एक कहानी दी जिसने बाद में किसी कलाकार को स्टार बनाया तो कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच गई।
Photo Credit - X
उनकी शुरुआत सबसे पहले राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के साथ शुरू हुई थी, जिन्होंने पहली बार किसी स्क्रीनप्ले राइटर को फिल्म में क्रेडिट दिया था। यह फिल्म हाथी मेरे साथी थी। इसके बाद सलीम और जावेद ने मिलकर अंदाज, सीता और गीता, जंजीर, दीवार और शोले जैसी फिल्में दीं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।