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    डांस में Aishwarya Rai का नहीं कोई मुकाबला, कथक से लेकर साल्सा, टॉप की डांसर हैं बच्चन परिवार की बहू

    By Aarti TiwariEdited By: Ashish Rajendra
    Updated: Sun, 26 Oct 2025 11:13 AM (IST)

    आंखों की गुस्ताखियां एक प्रशिक्षित शास्त्रीय नृत्यांगना के रूप में ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपने भव्य प्रदर्शन से प्रशंसकों और आलोचकों, दोनों को प्रभावित किया। फ्रीस्टाइल से लेकर मुजरा और साल्सा से फ्लेमेंको तक, ऐश्वर्या के साथ पूरी दुनिया थिरक उठी। ऐश्वर्या राय बच्चन की जन्मतिथि (1 नवंबर) पर आलेख...

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    कमाल की डांसर हैं ऐश्वर्या राय बच्चन (फोटो क्रेडिट- फेसबुक)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ब्यूटी विद ब्रेन का सटीक कांबीनेशन दुनिया ने वर्ष 1994 में देख लिया था, जब विश्व सुंदरी का ताज ऐश्वर्या राय के सिर पर सजा। फिल्मों में आने के बाद उन्हें ‘मोम की गुड़िया’ कहा गया, मगर जब इस मोम की गुड़िया ने अभिनय के अलावा अपनी नृत्य कला के नित नए प्रदर्शन किए तो लोगों के मुंह आश्चर्य से खुले रह गए। ऐश्वर्या हर बार ऐसा कमाल कर जातीं कि लोगों के पास शब्द न बचते।

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    किशोरावस्था से ही वे भरतनाट्यम का प्रशिक्षण ले रही थीं। ऐश्वर्या के नृत्य में भरतनाट्यम का प्रभाव स्पष्ट रूप से झलकता है। शरीर का संतुलन, हर मुद्रा में एक निश्चित ठहराव और विशेष रूप से आंखों का इस्तेमाल (भरतनाट्यम का एक महत्वपूर्ण तत्व ‘दृष्टिभेदम्’, जिसके आठ प्रकार होते हैं)उनके हर गाने को एक खास गहराई देता है।

    साउथ मूवीज में दिखी डांस की पहली झलक

    दक्षिण भारतीय फिल्मों से अभिनय की शुरुआत करने वाली ऐश्वर्या राय ने अपने डांस की विविधता भी वहीं दिखाई। नागार्जुन के साथ तेलुगु फिल्म ‘रवोई चंदामामा’(1999) के गाने ‘लव टू लिव’ में ऐश्वर्या असाधारण और जटिल सालसा डांस स्टेप्स से सबका ध्यान आकर्षित करती हैं। तमिल फिल्म ‘कंदुकोंदैन कंदुकोंदैन’ के गीत ‘कन्नामोची येनडा’ में छिप-छिपकर प्रेमी से मनुहार करती मीनाक्षी (ऐश्वर्या राय) भरतनाट्यम के दौरान हरी साड़ी में नाचते हुए मयूर के समान लगती हैं।

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    फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ ने आसमान से उतरती हल्के नीले रंग में सजी ‘निंबूड़ा’ गाने पर राजस्थानी लोकनृत्य के साथ थिरकती ऐश्वर्या राय को कथक फ्यूजन, सेमी-क्लासिकल करते हुए एक निपुण नर्तकी के रूप में प्रतिभा को उजागर करने का मौका दिया। इसी फिल्म के गीत‘ढोली थारो ढोल बाजे’ में गरबा करती ऐश्वर्या राय गुजरात की परंपरा को इतनी सहजता से प्रदर्शित करती हैं कि पता ही नहीं चलता कि वे दक्षिण भारतीय जड़ों से जुड़ी हैं। ऐश्वर्या इससे पहले ‘ब्राइड एंड प्रीजुडिस’ के गीत ‘डोला डोला रे’ में भी डांडिया की ताल पर थिरकती दिखीं।

    संजय लीला भंसाली की एक और प्रस्तुति ‘देवदास’ में ऐश्वर्या राय की खूबसूरती को चार चांद लगाए उनके नृत्य कौशल ने। ‘डोला रे डोला’ गीत में उनके साथ अपने डांस के लिए मशहूर माधुरी दीक्षित भी थीं। हिंदी सिनेमा की इन दोनों खूबसूरत अभिनेत्रियों ने इस गाने पर सेमी-क्लासिकल डांस किया।

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    हालांकि बात चाहे ‘सिलसिला ये चाहत का’ गीत में दीये को लगातार जलाने की लगन में नाचती पारो हो या ‘डोला रे डोला’ में अपनी सखी के साथ नाचती पार्वती, ऐश्वर्या ने साबित कर दिया कि डांस के मामले में वो माधुरी से कम नहीं हैं। अब जरा ‘देवदास’ के अंतिम दृश्य तक जाइए। एक भरतनाट्यम नृत्यांगना और ऐश्वर्या जैसी उत्कृष्ट अभिनेत्री के अलावा कोई भी ठाकुर की हवेली में इतनी त्रासद, इतनी खूबसूरती और इतनी शालीनता से नहीं दौड़ सकता, जहां उनकी साड़ी का पल्लू भी जलती आग के साथ शालीनता से लहराता नजर आता है।

    कथक में भी ऐश अव्वल

    फिल्म ‘उमराव जान’ ने ऐश्वर्या राय कथक नृत्य के साथ-साथ मुजरा करती दिखीं। इस फिल्म के गीत ‘झूठे इल्जाम मेरी जान’ गीत में नवाब से शिकायत करती ऐश्वर्या राय कथक नृत्य में इतनी सहज दिखती हैं कि उनकी हर अदा से दर्शकों को इश्क हो जाता है। वहीं इसी फिल्म के गीत ‘सलाम करने की आरजू है’ में इन्हें बेहद खूबसूरती से मुजरा करते हुए भी देखा जा सकता है, जहां सलाम करने का अंदाज ऐसा कि नवाब तो क्या, बड़े पर्दे पर देख रहे दर्शक भी अपनी जान कुर्बान कर दें।

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    ऐश्वर्या राय जब विदेशी नृत्य कलाओं में थिरकती हैं तो बला की खूबसूरत लगती हैं। ‘धूम 2’ के टाइटल ट्रैक में उनका शानदार फ्रीस्टाइल डांस कमाल का है। वे इसके हर जटिल स्टेप को बखूबी निभाते हुए सिल्वर स्क्रीन पर बेहद सहज दिखीं। फ्रीस्टाइल डांस के लिए जिस स्वच्छंदता के साथ स्टेप्स करने होते हैं, फिल्म के लिए ऐश्वर्या राय का बाडी ट्रांसफारमेशन उसको दोगुणा कर देता है।

    तो वहीं ‘रोबोट’ में पापिंग एंड लाकिंग स्टाइल ने रजनीकांत के अंदाज को भी फीका कर दिया था। इसी कड़ी में, ‘गुजारिश’ के गीत ‘मिल गई’ में फ्लेमेंको डांस स्टाइल करती ऐश्वर्या को देख उनके फैंस हैरान थे कि उन्होंने मुश्किल से मुश्किल स्टेप्स भी कितने सधे हुए और पेशेवर तरीके से किए।

    इतना ही नहीं, हिंदी सिनेमा के गीतों पर थिरकती ऐश्वर्या राय को पकड़ पाना ही मुश्किल है। चाहे वह ‘ताल’ के गाने ‘कहीं आग लगे’ हो या फिल्म ‘बंटी और बबली’ के ‘कजरा रे’ में उनका नजाकत भरा बालीवुड-स्टाइल डांस अब कल्ट माना जाता है। इस गाने में उनकी लय के साथ थिरकन और चेहरे के हाव-भाव देख आज भी सब मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। कहना गलत न होगा कि ऐश्वर्या राय बच्चन की खूबसूरती को फिल्म ‘जींस’ के गीत ‘अजूबा’ में एकदम सटीक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है, जहां उनकी तुलना दुनिया के सभी अजूबों से की गई है।

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