फ्लाइट का Emergency Door! क्यों है ये जरूरी और इस सीट पर बैठने के लिए किन बातों का रखें ध्यान?
गुरुवार को हुए एअर इंडिया के विमान हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद विमान में मौजूद इमरजेंसी डोर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इमरजेंसी एग्जिट प्लेन में खास दरवाजे और खिड़कियां होती हैं जिनका इस्तेमाल पेसेंजर्स इमरजेंसी में करते हैं। इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे यात्रियों को कुछ मानदंडों को पूरा करना जरूरी है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार को हुए एअर इंडिया के विमान (Air India Flight Crash) हादसे ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस भयानक हादसे में विमान सवार 242 लोगों में 241 लोगों की मौत हो गई। वहीं, इस हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति की जान बची है। इसके अलावा जिस बिल्डिंग से विमान टकराया वहां मौजूद लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी और इस तरह इस पूरे हादसे में कुल 265 जानें चली गईं।
इस हादसे में बड़ा हादसा माना जा रहा है और लगातार दुनियाभर से लोग इसे लेकर अपना दुख जाहिर कर रहे हैं। वहीं, इस हादसे के बाद लोग विमान सवार विश्वास रमेश कुमार के जिंदा बचने को चमत्कार मान रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि वह इमरजेंसी गेट (flight emergency exit door) के पास बैठे थे और इसलिए वहां से कूदकर उन्होंने अपनी जान बचा ली।
हालांकि, विश्वास की मानें तो प्लेन क्रैश होने के तुरंत बाद वह कुर्सी समेत ही बाहर कूद गए थे। इस हादसे के बाद से ही प्लेन में मौजूद इमरजेंसी डोर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे फ्लाइट में मौजूद इमरजेंसी डोर से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-
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फ्लाइट के इमरजेंसी एग्जिट डोर क्या हैं?
इमरजेंसी एग्जिट प्लेन (emergency exit seat rules) में खासतौर पर डिजाइन किए गए दरवाजे और खिड़कियां होते हैं, जिनका इस्तेमाल पेसेंजर्स और क्रू मेंबर्स इमरजेंसी में विमान से जल्दी और सुरक्षित रूप से बाहर निकलने के लिए किया जाता है।
इमरजेंसी एग्जिट कोई साधारण दरवाजा नहीं है। वे एवीएशन अथॉरिटीज द्वारा तय किए गए खास और पुख्ता सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए सावधानीपूर्वक बनाए जाते हैं। स्टैंडर्ड एंट्री और एग्जिट डोर के विपरीत इमरजेंसी एग्जिट एडवांस सेफ्टी के साथ डिजाइन किए जाते हैं, ताकि आपात स्थिति में इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
कहां और कैसे डिजाइन किए जाते हैं इमरजेंसी एग्जिट?
इमरजेंसी एग्जिट (why emergency exits are important in flights) जानबूझकर पेसेंजर्स की सीट्स के पास बनाए जाते हैं। ऐसा इसलिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इमरजेंसी के समय बाहर निकलने के दौरान किसी को भी दूर नहीं जाना पड़े। इन एग्जिट्स पर कुछ साफ संकेतों का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिससे इन्हें लो विजिबिलिटी में भी आसानी से देखा जा सकता है।
इमरजेंसी एग्जिट पर बैठे पेसेंजर रखें इन बातों का ध्यान
भले ही इमरजेंसी एग्जिट विमान के डिजाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यात्री भी इसमें एक अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आप भी प्लेन में सफर कर रहे हैं और इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
- सेफ्टी ब्रीफिंग सुनें:- उड़ान भरने से पहले, फ्लाइट अटेंडेंट एक सेफ्टी ब्रीफिंग देते हैं, जिसमें इमरजेंसी एग्जिट के बारे में निर्देश भी शामिल होते हैं। इस ब्रीफिंग पर ध्यान देने से आपको इमरजेंसी में बिना घबराहट काम करने में मदद मिलती है।
- रो की गिनती करें:- एक्सपर्ट्स की मानें, तो अपनी सीट और पास के इमरजेंसी एग्जिट के बीच के रो की संख्या जरूर गिनना चाहिए। ऐसे में किसी आपात स्थिति में, जब विजिबिलिटी कम हो, तो अपने आस-पास के वातावरण में आपको आसानी और जल्दी से इमरजेंसी एग्जिट खोजने में मदद मिल सकती है।
- निर्देशों का पालन करें:- किसी आपात स्थिति में, क्रू के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। उन्हें एग्जिट मैनेज करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे यात्रियों को पास के इमरजेंसी एग्जिट तक पहुंचाते हैं।
- व्यक्तिगत सामान न लें:- एग्जिट के दौरान सबसे बड़ी देरी तब होती है, जब यात्री अपना कैरी-ऑन सामान वापस लेने की कोशिश करते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि सभी सामान पीछे छोड़ दें और सिर्फ निकटतम एग्जिट तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करें।
इमरजेंसी एग्जिट के पास कौन बैठ सकता है?
इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठने वाले यात्रियों को कुछ मानदंडों को पूरा करना जरूरी है। एयरलाइन्स आमतौर पर इन सीटों को ऐसे व्यक्तियों को देती हैं, जो एग्जिट के हालात में सहायता करने में शारीरिक रूप से सक्षम हों। इसके अलावा इस सीट पर बैठने वाले लोग निम्न क्राइट्रिया के होने चाहिए-
- यात्री कम से कम 15 साल का होना चाहिए (एयरलाइन और देश के नियमों के अनुसार अलग-अलग होता है)।
- एग्जिट गेट खोलने और दूसरों की मदद करने में शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए।
- सेफ्टी निर्देशों के लिए क्रू द्वारा उपयोग की जाने वाली भाषा में बातचीत करनी आनी चाहिए।
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