Air India Plane Crash: आखिरी पलों में क्या हुआ...खुलेगा एक-एक राज़, मलबे से बरामद हुआ DVR; जानें इसके बारे में
डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) विमान के ब्लैक बॉक्स का हिस्सा है जो कॉकपिट और बाहरी विजुअलर्स को रिकॉर्ड करता है। ये क्रैश जांच में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ये पायलट की हरकतें इंस्ट्रूमेंट पैनल और बाहरी स्थिति दिखाता है। DVR FDR और CVR के डेटा को सपोर्ट करता है जिससे हादसे का कारण पता लगता है और भविष्य में सुरक्षा सुधार संभव होता है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने शुक्रवार को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया (Air India Plane Crash) के विमान के मलबे से एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) बरामद किया। एटीएस के एक कर्मी ने रिपोर्टर्स को बताया कि 'ये एक डीवीआर है, जिसे हमने मलबे से बरामद किया है। FSL टीम जल्द ही यहां आएगी।'
डीवीआर से हादसे वाली फ्लाइट के आखिरी पलों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। बरामद डीवीआर में आस-पास के इलाकों से महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज या कॉकपिट डेटा होता, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि दुर्घटना से पहले उन आखिरी पलों में क्या हुआ था। डेटा का हर बाइट मायने रखता है और महत्वपूर्ण होता है।
क्या होता है DVR? (Digital Video Recorder)
एविएशन सेक्टर में डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) विमान के ऑनबोर्ड रिकॉर्डिंग सिस्टम का हिस्सा है, जो अक्सर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के साथ यूज होता है। इन्हें आमतौर पर 'ब्लैक बॉक्स' कहा जाता है। जहां FDR टेक्निकल फ्लाइट डेटा और CVR कॉकपिट की बातचीत रिकॉर्ड करता है, वहीं DVR, अगर मौजूद हो, कॉकपिट के अंदर या कभी-कभी विमान पर लगे बाहरी कैमरों से वीडियो फीड रिकॉर्ड करता है।
#WATCH | Gujarat ATS recovered a Digital Video Recorder (DVR) from the debris of the Air India plane that crashed yesterday in Ahmedabad.
— ANI (@ANI) June 13, 2025
An ATS personnel says, "It's a DVR, which we have recovered from the debris. The FSL team will come here soon." pic.twitter.com/zZg9L4kptY
मॉडर्न फ्लाइट्स, खासकर हेलिकॉप्टर्स और मिलिट्री या एक्सपेरिमेंटल प्लेन्स में, DVR इंस्ट्रूमेंट पैनल, पायलट बिहेवियर और कभी-कभी बाहरी वातावरण के रियल-टाइम वीडियो कैप्चर करने के लिए इंस्टॉल किए जाते हैं। ये वीडियो रिकॉर्डिंग्स में पायलट की हरकतें, विमान के बाहर की स्थिति और इमरजेंसी के दौरान कॉकपिट रिएक्शन्स शामिल हो सकती हैं।
विमान क्रैश होने पर इन्वेस्टिगेटर्स सभी ब्लैक बॉक्स, जिसमें DVR भी शामिल है, रिकवर करते हैं। ये डिवाइसेज आमतौर पर इम्पैक्ट-रेसिस्टेंट और फायरप्रूफ होते हैं, जो हाई-स्पीड इम्पैक्ट या क्रैश से होने वाली आग जैसी एक्सट्रीम कंडीशन्स में भी बच जाते हैं।
DVR जांच में महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये FDR और CVR के रिकॉर्डेड डेटा को विजुअली सपोर्ट करता है। वॉयस और डेटा रिकॉर्डिंग्स से इंजन परफॉर्मेंस, अल्टीट्यूड, एयरस्पीड और कॉकपिट की बातचीत जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं। DVR साफ तौर पर पायलट ने क्या देखा और किया, जैसे- कंट्रोल मूवमेंट्स, डैशबोर्ड पर वार्निंग लाइट्स या विंडो से विजिबिलिटी कंडीशन, को दिखाता है। ये डिटेल्स उन जटिल मामलों में खास मदद करती हैं, जहां क्रैश का कारण स्पष्ट नहीं होता या विमान बिना रेडियो कम्युनिकेशन के अचानक क्रैश हो जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर पायलट डिसोरिएंटेड या डिस्ट्रैक्टेड था, तो DVR उनके व्यवहार या आंखों की हरकतों से ये दिखा सकता है। अगर इंस्ट्रूमेंट्स में खराबी थी, तो DVR वार्निंग सिग्नल्स दिखा सकता है, जो FDR के डेटा को सपोर्ट करता है।
कुलमिलाकर बात करें तो एविएशन में DVR क्रैश जांच में सपोर्टिंग लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि ये विजुअल सबूत देता है, जो हादसे की घटनाओं के सटीक क्रम को समझने में मदद करता है। ये जानकारी न केवल कारण ढूंढने में मदद करती है, बल्कि भविष्य में एविएशन सेफ्टी को बेहतर बनाकर ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मदद करती है।
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