Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखा खत, जानिये- ताजा 'धमकी' के बारे में
Kisan Andolan संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा PM को लिखे पत्र में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रमुख होने के नाते बातचीत फिर से शुरू करने की जिम्मेदारी आप पर है। केंद्र बातचीत करके किसानों की समस्या का समाधान करे तो वे अपने घर चले जाएंगे।

नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन जारी है, लेकिन केंद्र सरकार से बंद बातचीत ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रमुख होने के नाते बातचीत फिर से शुरू करने की जिम्मेदारी आप पर है। केंद्र सरकार बातचीत करके किसानों की समस्या का समाधान करे तो वे अपने घर चले जाएंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि 25 मई तक सरकार की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली तो 26 मई को धरना के छह महीने पूरे होने पर राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाते हुए अगले चरण में संघर्ष को और तेज करेंगे। इसके साथ ही मोर्चे ने सरकार से गांवों में संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की गई है।
अब तक हो चुकी है 12 बार बात
पंजाब और हरियाणा के किसान संगठन कुंडली, टीकरी बार्डर पर हरियाणा में और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर लगभग छह महीने से धरना दे रहे हैं। वे तीन नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
26 नवंबर 2020 से शुरू हुए धरना
लगातार चल रहे धरना-प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक बारह दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कभी बनी नहीं। वहीं, केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत हर बार बेनतीजा ही समाप्त हुई। एक तरफ किसान कानून रद करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं, वहीं केंद्र सरकार किसानों से हर बार आपत्ति वाले बिंदुओं के बारे में जानकारी मांगती रही है।
ये भी पढ़ेंः दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने केंद्र के समक्ष रखी 4 मांगे, बोले- युवाओं के लिए वैक्सीनेशन बंद होने का दुख
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी कमेटी
नए कृषि सुधार कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच विवाद खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगाते हुए चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी। भारतीय किसान यूनियन (मान) के भूपिंदर सिंह मान के समिति से हटने के बाद इसमें तीन सदस्य ही बचे थे। समिति ने पूरे विवाद को समझने और कानून के हानि-लाभ का आकलन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंप दी है।
ये भी पढ़ेंः Indian Railways: यूपी-बिहार समेत इन पांच राज्यों के यात्री ध्यान दें, 27 मई तक रद रहेंगी कई ट्रेनें; देखें लिस्ट
इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ना चाहिए या नहीं, जानें क्या चाहते हैं राजधानी के व्यापारी
इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में कोरोना मरीजों को स्टेरायड देने पर जरूरी हुई ये जांच, ब्लैक फंगस से बचाव में मिलेगी मदद
Lockdown Again in Delhi ! दिल्ली में बढ़ेगा लॉकडाउन या दी जाएगी ढील, सीएम केजीरवाल ले सकते हैं फैसला
पढ़िये- हरियाणा के उस नेता की कहानी, जो नाटकीय घटनाक्रम में 53 वर्ष पूर्व बना था राज्य का तीसरा सीएम

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।