Lockdown Again in Delhi! दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ना चाहिए या नहीं, जानें क्या चाहते हैं व्यापारी
Lockdown Again in Delhi! लाकडाउन जारी रखने अथवा हटाने को लेकर कारोबारी संगठन चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के सर्वे में व्यापारी वर्ग दो धड़ों में बंटा नजर आया। 50 फीसद हटाने तो 50 फीसद ने जारी रखने के पक्ष में राय दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी में लाकडाउन को लगाए हुए एक माह से अधिक हो गए हैं। इसकी वजह से कोरोना संक्रमण की दर में भारी गिरावट भी आई है। पर कोरोना के भयावह नए वैरिएंट और राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले दिनों में चौथी लहर के अंदेशे से व्यापारियों में उहापोह बरकरार है। यहीं कारण है कि लाकडाउन जारी रखने अथवा हटाने को लेकर कारोबारी संगठन चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के सर्वे में व्यापारी वर्ग दो धड़ों में बंटा नजर आया। 50 फीसद हटाने तो 50 फीसद ने जारी रखने के पक्ष में राय दी है। दिल्ली में 20 अप्रैल से लाकडाउन लगा है।
दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हर सप्ताह इसे बढ़ाया जा रहा है। मौजूदा लाकडाउन इस सोमवार (24 मई) तक रहेगा। इसपर दिल्ली सरकार विशेषज्ञों से रायशुमारी कर रही है कि लाकडाउन को बढ़ाया जाए या बाजारों को कुछ प्रतिबंधों के साथ खोला जाए।
सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार हर हफ्ते स्थिति की समीक्षा करके एक हफ्ते का लाकडाउन लगाने का संतुलित निर्णय ले रही है। अब जबकि सोमवार सुबह लाकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है तो हमने दिल्ली के तमाम व्यापारियों के बीच एक सर्वे कराया। इस सर्वे में दिल्ली के लगभग 440 से ज्यादा व्यापारी संगठनों ने हिस्सा लिया जिसमें मार्केट, इंडस्ट्री, होटल, रेस्त्रां, ब्यूटी व वेलनेस संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सर्वे में कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, खारी बावली, करोलबाग, कमला नगर, लाजपत नगर, कनाट प्लेस, कीर्ति नगर, कृष्णा नगर, राजौरी गार्डन, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, शाहदरा, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, जनकपुरी, मालवीय नगर, द्वारका व ग्रेटर कैलाश आदि बाजारों के व्यापारी नेताओं ने हिस्सा लिया।
सीटीआइ के महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि इन 440 में से लगभग 205 संगठनों का कहना था कि इसे एक हफ्ते और आगे बढाया जाना चाहिए, क्योंकि कोरोना केस और संक्रमण दर भले ही कम हो रहे हैं लेकिन किसी भी तरह की कोताही से दोबारा संक्रमण बढ सकता है। वहीं, लगभग 200 संगठनों का कहना था कि दिल्ली में लाकडाउन खत्म कर देना चाहिए और 24 मई को बाजार खुल जाने चाहिए।
इसके अलावा लगभग 30 व्यापारी संगठनों ने कहा कि यह खुले या आगे बढे। इसको लेकर दिल्ली सरकार जो भी निर्णय लेगी वो उसके साथ हैं। सर्वे में दिल्ली के 28 ऑद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिकों ने भी हिस्सा लिया। लगभग 85 फीसद फैक्ट्री मालिकों का कहना था कि फैक्ट्रियों में आम लोगों की आवाजाही बिल्कुल नहीं होती है और वहां कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है इसलिए सभी फैक्ट्रियों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए।
सभी बाजारों में सिविल डिफेंस व होमगार्डस की तैनाती हो: बीयूवीएम
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) दिल्ली प्रदेश द्वारा वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें लाकडाउन और व्यापारियों को उससे उत्पन्न समस्याओं पर गहन विचार विमर्श किया गया। बैठक में 150 से अधिक प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। बीयूवीएम के महासचिव राकेश यादव व हेमंत गुप्ता ने बताया कि लाकडाउन से व्यापार को पड़ रही चोट पर चिंता के साथ व्यापारियों में दोबारा कोरोना फैलने का अंदेश का डर भी देखा गया। इस कारण राय बंटी हुई थी। वैसे, सभी सदस्यों की राय थी कि अगर सरकार मार्केट खोलने का फैसला करती है तब भी रात्रि कर्फ्यू जारी जारी रहे ।
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परिस्थितियां सामान्य होने तक शनिवार और रविवार को बाजार पूर्णतया बंद रहें ।दिल्ली सरकार सभी बाजारों का सैनिटाइजेशन करवाए। साथ ही व्यापारियों और कर्मचारियों के लिए विशेष टीकाकरण कैंप लगवाएं। आवश्यक वस्तुओं का व्यापार करने वाले साथियों को फ्रंटलाइन योद्धा घोषित किया जाएं। इसी तरह कोराना दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए सभी बाजारों में सिविल डिफेंस वालंटियर्स और होमगार्ड्स की तैनाती की जाए। इसी तरह सभी व्यापारियों का बीमा हो। लाकडाउन की अवधि में सभी फैक्ट्रियों और दुकानों के बिजली का फिक्स्ड चार्ज माफ हो। बीयूवीएम के महासचिव प्रदीप गुप्ता ने कहा कि इसी तरह दिल्ली नगर निगम द्वारा व्यापार लाइसेंस शुल्क और व्यवसायिक गृहकर में की गईं बढ़ोत्तरी को वापस लिया जाए।
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