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Nirbhaya Case Latest News : एक मात्र जिंदा दोषी की मां बोली- ऐसा कृत्य किया होगा, कभी विश्र्वास नहीं हुआ

Nirbhaya Case Latest News क्या आप जानते हैं कि चारों दोषियों को फांसी देने और एक आरोपित के खुद ही आत्महत्या करने के बाद भी निर्भया का एक दोषी जिंदा है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 11:32 AM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 09:21 AM (IST)
Nirbhaya Case Latest News : एक मात्र जिंदा दोषी की मां बोली- ऐसा कृत्य किया होगा, कभी विश्र्वास नहीं हुआ
Nirbhaya Case Latest News : एक मात्र जिंदा दोषी की मां बोली- ऐसा कृत्य किया होगा, कभी विश्र्वास नहीं हुआ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Nirbhaya Case Latest News : क्या आप जानते हैं कि चारों दोषियों को फांसी देने और एक आरोपित के खुद ही आत्महत्या करने के बाद भी निर्भया का एक दोषी जिंदा है। दरअसल, जिन छह दरिंदों ने 16 दिसंबर, 2012 की रात को चलती बस में बारी-बारी से निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था, उनमें से एक दरिंदा नाबालिग था। इसके चलते सजा के तौर पर उसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में भी रहना पड़ा और फिर वह बरी हो गया और फिलहाल दक्षिण भारत के किसी राज्य में कुक का काम करता है। वहीं, शुक्रवार को जब जागरण के पत्रकार ने पूछा तो उसकी मां ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं होता कि उनके बेटे ने ऐसा किया होगा।  

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अपने पैतृक घर तक नहीं जा सका यह दोषी

बता दें कि बाल सुधार गृह से अपनी सजा पूरी करने के बाद जब यह दोषी छूट को गांव वालों ने एलान कर दिया, वे इस गांव में ही नहीं घुसने देंगे। हुआ भी ऐसा ही यह दोषी अपने पैतृक घर भी नहीं जा सका। बताया जा रहा है कि बाल सुधार गृह में सजा के दौरान इसे कुक का काम सीखा था और फिलहाल दक्षिण भारत के किसी राज्य में यही काम कर रहा है। 

कागजों में निकला था नाबालिग

दरअसल, अपराध के बाद पुलिस ने पड़ताल की तो चला कि स्कूल में दाखिले के आधार पर वह नाबालिग है। इसके आधार पर अपराध के समय उसकी उम्र 17 साल थी। इसके लिए दिल्ली पुलिस जांच के लिए दोषी के पैतृक गांव भी पहुंची थी।

बसों की सफाई का काम करता था दिल्ली में

ग्रामीणों की मानें तो उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह परिवार के नहीं चाहते हुए भी 1995 में ही भागकर दिल्ली आ गया और यहां पर वह बस अड्डों पर खड़ी बसों में सफाई कर अपना पेट भरने लगा। 

बता दें कि इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस द्वारा जारी डेथ वांरट के मुताबिक, शुक्रवार सुबह निर्भया के सभी चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को फांसी दे दी गई। इस तरह निर्भया को साढ़े सात साल बाद अब जाकर इंसाफ मिला है।

दक्षिण भारत में कहीं करता है काम

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में 23 वर्षीय पैरामेडिकल की छात्रा के साथ चलती बस में दरिंदगी की गई थी, जिसमें कुल छह लोग शामिल थे। जिनमें पांच के नाम राम सिंह, विनय, पवन, मुकेश और अक्षय हैं, जबकि छठा आरोपित नाबालिग था। एक आरोपित राम सिंह ने वर्ष, 2013 में तिहाड़ जेल में ही फांसी लगा ली थी, जबकि छठा दोषी जिंदा और जुवेनाइल कोर्ट से सजा पूरी कर देश के किसी कोने में अपना जीवन यापन कर रहा है।

गौरतलब है कि निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद छह आरोपितों की गिरफ्तारी की थी। जेल भेजने के बाद छह में से एक आरोपित ने दावा किया था कि वह नाबालिग है। इसके बाद वह इससे जुड़े तमाम कागजात लेकर सामने आया तो उसे नाबालिग ही मानना पड़ा। 

इसके बाद कोर्ट ने उस समय मौजूदा कानून के मद्देनजर उसे नाबालिग मानकर मुकदमा चलाने के बजाय उसे सुधार गृह भेज दिया। 2016 में ही वह जुवैनाइल कोर्ट से  रिहा कर दिया गया। वह कहां है और क्या कर रहा है? इस बारे में कोई ठोक तौर पर कुछ नहीं जानता, लेकिन यह जरूर खबर है कि वह दक्षिण भारत के किसी राज्य में कुक का काम करता है। 

उसे जुवैनाइल में सजा काटने के दौरान हुनरमंद बनाने वाले गैरसरकारी संगठन का कहना है कि दिल्ली से वह दक्षिण भारत चला गया और वहां पर नाम बदलकर रह रहा है और वहां पर कुक का काम करता है। खाना बनाने का काम इस नाबालिग दोषी ने दिल्ली में रहने के दौरान सीखा था। 

बताया जाता है कि इस नाबालिग दोषी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं रहा था। दरअसल, बस ड्राइवर पर उसके 8000 रुपये बकाया था। 16 दिसंबर, 2012 को भी वह अपने पैसे लेने ही गया था। रात में बस में मौजूद रहने के दौरान वह भी पांचों के साथ इस अपराध में शामिल हो गया। महज 11 साल की उम्र में बेहतर जिंदगी की तलाश में वह दिल्ली चला आया था।

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