Kisan Andolan: किसान नेता ने संयुक्त किसान मोर्चा से पूछा जिद से क्या मिलेगा?, प्रदर्शनकारियों की आ रही शिकायतें
कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के सात महीने से बार्डर पर बैठे होने की वजह से दिल्ली के लोगों को परेशानियां हो रही हैं। इसको लेकर टीकरी कलां गांव में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार छिल्लर की अध्यक्षता में यूनियन की बैठक हुई। इ

नई दिल्ली [सोनू राणा]। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के सात महीने से बार्डर पर बैठे होने की वजह से दिल्ली के लोगों को परेशानियां हो रही हैं। इसको लेकर टीकरी कलां गांव में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार छिल्लर की अध्यक्षता में यूनियन की बैठक हुई। इस दौरान सुरेश कुमार छिल्लर ने कहा कि कृषि कानूनों को रद करवाने की जिद छोड़कर नेता सरकार से किसानों के हित की बात करें। केंद्र सरकार ने 11 दौर की बैठक में नेताओं द्वारा पेश किए गए संदेह, सुझाव व बदलाव पर स्पष्टीकरण भी दिया और आवश्यकतानुसार बदलाव करना भी स्वीकार किया। यह केंद्र सरकार का किसानों के प्रति सम्मान, किसानों के महत्व, किसानों के प्रति प्रतिबद्धता और जवाबदेही को दर्शाता है।
उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं से पूछा कि आखिर इस जिद से क्या मिलेगा। संयुक्त किसान मोर्चे के बड़े नेताओं को चाहिए कि सरकार के प्रतिद्वंद्वी की छवि को बदलते हुए पूर्व निर्धारित जिद को छोड़कर जल्द से जल्द किसान हित की ही सरकार के साथ बातचीत की पहल करें।
प्रदर्शनकारियों की आ रही शिकायतें
उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ बैठे प्रदर्शनकारियों की शिकायतें आ रही हैं। इनके यहां बैठने से रास्ते प्रभावित हैं और सुगम आवागमन के अभाव में स्थानीय लोगों के काम धंधे प्रभावित हो रहे हैं। लोग दिल्ली प्रदेश कार्यकारिणी पर दबाव बना रहे हैं कि उनकी परेशानियों पर भी नेता विचार करें।
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214 दिन परेशानियों के
214 दिन से प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा घेरकर बैठे हुए हैं। इस वजह से बच्चे पढ़ाई करने नहीं जा पाते हैं। युवाओं की नौकरी चली गई है। किसान फसलें खेतों में ही जोतने को मजबूर हैं। पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं। फैक्टियों से कामगार चले गए हैं। रोज कमाकर खाने वाले लोगों के सामने भोजन के लाले पड़ रहे हैं।
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