Term Insurance लेने के अगले ही दिन पॉलिसीधारक की हो गई मृत्यु? क्या नॉमिनी को मिलेगा पूरा पैसा
बीमा लेते वक्त अकसर हमारे मन में कई सवाल उठते हैं। टर्म प्लान लोगों के बीच काफी पॉपुलर प्लान माना जाता है क्योंकि यह प्लान किसी व्यक्ति के परिवार को उसके ना रहने पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है। आइए जानते हैं इस बीमा से जुड़े कुछ सवालों को।

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: देश में विभिन्न तरह की बीमा पॉलिसी के बीच Term Plan या Term Insurance पॉपुलर पॉलिसी में से एक है। मध्यम वर्ग अपने परिवार को खुश और आर्थिक रूप से मजबूत रखने के लिए हर संभव प्रयास करता है। इसके बाद भी कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है जहां परिवार पर संकट आ जाता है।
बीमा पॉलिसी आपको संकट की इस घड़ी में काम आता है। टर्म प्लान आपके परिवार को किसी अनहोनी के वक्त आर्थिक मदद प्रदान करता है। बीमा पॉलिसी लेते वक्त हमारे मन में कई सवाल उठते हैं एक ऐसा ही सवाल है कि क्या टर्म प्लान लेने के दूसरे ही दिन अगर पॉलिसीधारक का मर्डर या मृत्यु हो जाती है तो क्या उसके नॉमिनी को पैसा मिलेगा। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
नहीं होता वेटिंग पीरियड
टर्म प्लान में अगर किसी पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के नॉमिनी को इंश्योरेंस का पैसा देती है। टर्म बीमा नैचुरल डेथ, बीमारी से मृत्यु, एक्सीडेंट से मृत्यु को कवर करता है। आत्महत्या के मामले में टर्म प्लान के तहत पैसा मिलने में एक साल का वेटिंग पीरियड लग सकता है।
हत्या होने के बाद कैसे करें बीमा क्लेम
यदि किसी व्यक्ति ने आज टर्म इंश्योरेंस लिया है और कल उसकी हत्या हो जाती है तो क्या ऐसी स्थिति में बीमा का पैसा मिलेगा। जवाब है हां। बीमा कंपनियां पूरा पैसा नॉमिनी को देगी बस शर्त इतनी सी है कि उस नॉमिनी की भूमिका पॉलिसीधारक के हत्या में नहीं होनी चाहिए।
अगर नॉमिनी पर हत्या का आरोप लगता है, तो इस स्थिति में बीमा कंपनी बीमा का पैसा देने से मना कर सकती है और तब तक नॉमिनी को पैसा नहीं मिलता जब तक नॉमिनी कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं हो जाता। इसके अलावा बीमा कंपनी तब बीमा का पैसा देने से मना कर सकती है जब बीमा लेने वाला व्यक्ति किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल हो और इस दौरान उसकी मौत हो जाती है।
कैसे खारिज होता है क्लेम?
टर्म प्लान लेते वक्त बीमा कंपनी बीमा लेने वाले व्यक्ति से उसकी पूरी हेल्थ रिपोर्ट लेती है लेकिन उस वक्त बीमा लेने वाला व्यक्ति अपनी बीमारी छुपाता है और उसकी मौत हो जाती है तो इस स्थिति में भी बीमा कंपनी पैसा देने से मना कर सकती है।
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