Nomination Facility: क्यों जरूरी होता है नॉमिनी का चुनाव करना, नहीं बनाने पर क्या हो सकते हैं नुकसान
वित्तीय लेनदेन के मामले में जब भी आपको नॉमिनी चुनने के कहा जाता है तो अकसर ज्यादातर लोग इसे अनदेखा करते हैं। नॉमिनी का चुनना आपके और आपकी संपत्ति दोनों के लिए बेहद जरूरी है। अगर आप नॉमिनी नहीं चुनते हैं तो आपके उत्तराधिकारी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: नॉमिनी एक ऐसा शब्द है, जिसे आपने कोई भी वित्तीय कामकाज के दौरान हमेशा सुना होगा। चाहे आपको अपना बैंक अकाउंट खुलवाना हो, कोई बीमा लेना हो या शेयर बाजार में निवेश करना हो, हर वित्तीय कामकाज में आज कल आपको नॉमिनी चुनना अनिवार्य हो गया है।
काफी लोग नॉमिनी चुनते वक्त उस आप्शन को खाली छोड़ देते हैं। आरबीआई भी आपको नॉमिनी चुनने की सलाह देता है। तो आखिर ये नॉमिनी होता क्या है और आपको नॉमिनी क्यों चुनना चाहिए और अगर आपने नॉमिनी नहीं चुना तो क्या होगा, आज हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देंगे।
क्या होता है नॉमिनी?
नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जिसे आप अपने वित्तीय मामले में नामित करते हैं। यह व्यक्ति आपकी संपत्ति का एक तरह से तात्कालिक अधिकारी होता है।
नॉमिनी चुनना क्यों जरूरी?
नॉमिनी आपकी संपत्ति, बैंक खाते, वित्तीय फंड, शेयर बाजार इत्यादि से लेकर आपके दिशानिर्देशों के अनुसार आपके उत्तराधिकारी को देता है। आपको यह जानना जरूरी है कि नॉमिनी व्यक्ति वह व्यक्ति नहीं है जो संपत्ति का हकदार है, बल्कि वो केवल उस संपत्ति का ट्रस्टी है।
इसलिए, जब तक कोई वसीयत न हो जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया हो कि नॉमिनी व्यक्ति भी एक लाभार्थी या उत्तराधिकारी है, या यदि कोई अन्य उत्तराधिकारी नहीं है, तो नॉमिनी व्यक्ति धन या संपत्ति का हकदार नहीं हो सकता है।
नॉमिनी न चुनने के नुकसान
जैसा कि हमने आपके बताया कि नॉमिनी आपके संपत्ति को आपके उत्तराधिकारियों को आपके बताए गए दिशानिर्देशों के तहत बांटता है, इसलिए यदि आपके संपत्ति का कोई नॉमिनी नहीं होता तो फिर उस संपत्ति के मालिक के मरने के बाद उस व्यक्ति की सारी संपत्ति डूब जाएगी।
उस व्यक्ति की सारी संपत्ति, जैसे बैंक खाते में रखे पैसे, स्टॉक मार्केट के शेयर, विभिन्न तरह की बीमा योजना से मिलने वाले फायदे सब डूब जाते हैं और उस व्यक्ति के उत्तराधिकारी को कुछ भी नहीं मिलता। यदि कई उत्तराधिकारी हैं और संपत्ति उनमें से केवल एक को हस्तांतरित की जानी है, तो अन्य उत्तराधिकारियों को दावेदार के पक्ष में संपत्ति के सभी अधिकारों को त्यागते हुए, अस्वीकरण के एक पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा।