'अंबानी-अदाणी जैसे अरबपतियों के फैमिली ऑफिस पर निगरानी नहीं', SEBI ने किया साफ, कहा- ये पूरी तरह गलत और...
SEBI ने सोमवार को एक बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। सेबी ने कहा कि फैमिली ऑफिस को लेकर कोई नया रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार नहीं किया जा रहा है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सेबी फैमिली ऑफिस पर निगरानी के लिए नए नियम बनाने की योजना बना रहा है। लेकिन सेबी ने साफ कर दिया है कि यह खबरें पूरी तरह गलत हैं।

नई दिल्ली| भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सोमवार को बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। सेबी ने साफ कहा कि अरबपतियों के फैमिली ऑफिस पर किसी नए रेगुलेशन की योजना फिलहाल नहीं है। हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सेबी फैमिली ऑफिसेज को रेगुलेट करने की तैयारी कर रहा है। लेकिन अब नियामक ने इन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सेबी फैमिली ऑफिसेज से उनकी कंपनियों, एसेट्स और निवेश रिटर्न्स की जानकारी मांग सकता है। यहां तक कि इनके लिए एक अलग कैटेगरी बनाकर इन्हें नियमों के दायरे में लाने पर विचार हो रहा है। रिपोर्ट्स में यह भी दावा था कि सेबी ने कुछ बड़े फैमिली ऑफिसेज से बैठकें की थीं और लिखित सुझाव भी मांगे थे।
हालांकि, सेबी ने अपने बयान में कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है। नियामक ने साफ किया कि इस तरह की खबरें पूरी तरह गलत और भ्रामक हैं।
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सेबी ने अफवाहों पर लगाया ब्रेक
भारत में फैमिली ऑफिस अमीर उद्योगपति परिवारों के लिए निवेश का बड़ा जरिया हैं। ये ऑफिस स्टार्टअप्स, प्राइवेट इक्विटी और आईपीओ में भारी निवेश करते हैं। जैसे अजीम प्रेमजी का प्रेमजी इन्वेस्ट, बजाज ग्रुप का बजार होल्डिंग्स, और आईटी दिग्गज शिव नादर व नारायण मूर्ति की इन्वेस्टमेंट कंपनियां।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 96.4 अरब डॉलर और गौतम अदाणी की 89.6 अरब डॉलर है। ऐसे बड़े उद्योगपतियों के फैमिली ऑफिस भारतीय बाजारों में अहम भूमिका निभाते हैं और कभी-कभी बाजार की दिशा बदलने की ताकत रखते हैं।
सेबी के इस स्पष्टीकरण से अब निवेशकों और बाजार में फैली अफवाहों पर ब्रेक लग गया है। फिलहाल फैमिली ऑफिस पर किसी नए नियम का खतरा नहीं है।
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