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    विकास दिव्यकीर्ति की दृष्टि IAS पर सरकार का एक्शन, ठोका 5 लाख का जुर्माना; 216 छात्रों के दावे ने बढ़ाई परेशानी

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 08:18 PM (IST)

    विकास दिव्यकीर्ति के मशहूर कोचिंग संस्थान Drishti IAS पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने संस्थान पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों को लेकर संस्थान ने भ्रामक विज्ञापन जारी किया।दृष्टि IAS ने दावा किया था कि उसने 216 से ज्यादा उम्मीदवारों को सिलेक्ट कराया। जांच यह दावा गलत निकला।

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    विकास दिव्यकीर्ति की दृष्टि IAS पर सरकार का एक्शन, ठोका ₹5 लाख का जुर्माना।

    नई दिल्ली| दिल्ली के मशहूर कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएस (Drishti IAS) पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने संस्थान पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों को लेकर विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti fine) की संस्था ने भ्रामक विज्ञापन जारी किया। दृष्टि IAS ने दावा किया था कि उसने 216 से ज्यादा उम्मीदवारों को सिलेक्ट कराया। लेकिन जांच में सामने आया कि यह सच नहीं था।

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    जांच में क्या निकला?

    सीसीपीए की जांच में पाया गया कि 216 में से 162 छात्रों (लगभग 75%) ने सिर्फ प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर करने के बाद दृष्टि IAS का फ्री इंटरव्यू प्रैक्टिस प्रोग्राम जॉइन किया था। यानी इनकी सफलता में कोचिंग की भूमिका सीमित थी। असल में सिर्फ 54 छात्रों ने ही दृष्टि के IGP और दूसरे कोर्स जॉइन किए थे।

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    जानकारी छिपाने का आरोप

    PIB के अनुसार, दृष्टि IAS ने इस अहम जानकारी को छुपाया और ऐसा प्रचार किया जैसे सभी 216 छात्रों की सफलता का श्रेय उसी को जाता है। यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन है।

    पहले भी लगी चुकी पेनल्टी

    हालांकि, यह पहला मामला नहीं है। सितंबर 2024 में भी दृष्टि IAS पर जुर्माना लगाया गया था। तब संस्थान ने दावा किया था कि UPSC CSE 2021 में 150 से ज्यादा चयन उसी के छात्रों के हुए। जांच में पता चला कि 161 उम्मीदवारों के नाम दिखाए गए, जिनमें से 148 IGP, 7 मेन्स मेंटरशिप, 4 GS फाउंडेशन और 1 वैकल्पिक कोर्स में थे। इस पर सीसीपीए ने 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया और झूठे विज्ञापन रोकने का आदेश दिया था।

    कोचिंग सेक्टर पर सख्ती

    CCPA ने कहा कि चेतावनी के बावजूद दृष्टि IAS ने 2022 में भी वही गलती दोहराई। अब तक 54 कोचिंग संस्थानों को ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर नोटिस भेजे जा चुके हैं। इनमें से 26 संस्थानों पर 90.6 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगा है।

    सीसीपीए का कहना है कि जब कोचिंग सेंटर इस तरह की जानकारी छुपाते हैं तो छात्र और अभिभावक गुमराह हो जाते हैं। वे मान लेते हैं कि पूरी सफलता संस्था की वजह से मिली, जबकि असलियत कुछ और होती है। ऐसे दावे छात्रों को झूठी उम्मीदें दिखाते हैं और उनके फैसलों को प्रभावित करते हैं।