GST पर एक और खुशखबरी! इन लोगों को नहीं करना सालाना रिटर्न फाइल, लिस्ट में आप हैं या नहीं?
22 सितंबर से नई जीएसटी दरें (New GST Rates) लागू हो गई हैं। सरकार ने छोटे व्यवसायों और पेशेवरों को जीएसटी भरने से राहत दी है। दो करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले व्यवसायों को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सालाना जीएसटी रिटर्न फाइल करने से छूट मिलेगी। इस कदम से छोटे टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त अनुपालन और खर्चों से राहत मिलेगी। सरकार समय-समय पर नियमों में ढील देती रही है।

नई दिल्ली। 22 सितंबर से जीएसटी की नई घटी हुई दरें (New GST Rates) लागू हो गयी हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों और कारोबारियों को जीएसटी भरने से भी राहत दी गयी है। दरअसल 17 सितंबर 2025 को सरकार ने कुछ छोटे व्यवसायों और प्रोफेनल्स के लिए एक खास छूट की घोषणा की, जिससे उन्हें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सालाना जीएसटी रिटर्न फाइल करने से पूरी छूट मिल जाएगी, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 31 दिसंबर 2025 तक देय है।
इसे चुनिंदा जीएसटी रजिस्टर्ड बिजनेसों और प्रोफेशनल्स के लिए एक अहम पॉजिटिव कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे उन्हें जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइल करने से जुड़े अतिरिक्त खर्चों से बचने में मदद मिल सकती है।
किसे मिलेगी छूट
वे रजिस्टर्ड व्यक्ति जिसका किसी भी वित्तीय वर्ष में कुल कारोबार दो करोड़ रुपये तक है, उसे ये छूट मिलेगी। 17 सितंबर 2025 की नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सीजीएसटी एक्ट, 2017 (12 या 2017) के सेक्शन 44 के सब-सेक्शन (1) के पहले प्रावधान द्वारा मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए, कमिश्नर ने (काउंसिल की सिफारिश पर) वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के मामले में, उस रजिस्टर्ड व्यक्ति जिसका किसी भी वित्तीय वर्ष में कुल कारोबार दो करोड़ रुपये तक है, को पिछले वित्तीय वर्ष में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से छूट दी है।
किसे भरना होता है जीएसटी
जीएसटी प्रावधानों के अनुसार, 5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले किसी भी टैक्सपेयर को एक निश्चित डेट तक वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होता है। पर सरकार समय-समय पर नियमों में ढील देती रही है और 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे टैक्सपेयर्स को यह वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से छूट देती रही है।
किस तरह होगा छोटे टैक्सपेयर्स को लाभ
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट मिलने से छोटे टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त अनुपालन (नियमों को मानना) की कठिनाइयों से निश्चित रूप से राहत मिलेगी, जिसमें अतिरिक्त खर्च भी शामिल है।
हालाँकि वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से टैक्सपेयर्स को मासिक/तिमाही अनुपालन के दौरान हुई किसी भी चूक/गलती को सुधारने/भुगतान करने का मौका मिलता है।
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