अमेरिका में मंदी का कितना खतरा, पहले टैरिफ और अब शटडाउन से गहराई आशंका, ग्लोबल एजेंसी की रिपोर्ट से समझें
पहले टैरिफ और अब शटडाउन के बाद एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट सत्यम पांडे ने कहा कि अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी शुरू होने की संभावना को घटाकर 30% से नीचे कर दिया है। यह वर्ष की शुरुआत में अनुमानित 35% संभावना से कम है। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि कमजोरी बनी हुई है।

नई दिल्ली। क्या अमेरिका में मंदी (Recession Risk in US) आ सकती है, खासकर ट्रंप के टैरिफ के बाद ऐसी अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं और अब शटडाउन के चलते ऐसी आशंकाएं और गहरा गई है। हालांकि, S&P ग्लोबल रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट सत्यम पांडे ने कहा, अमेरिकी सरकार के मौजूदा शटडाउन का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कोई ख़ास लॉन्ग टर्म प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि बाज़ार ऐतिहासिक रूप से ऐसी घटनाओं को नज़रअंदाज़ करते रहे हैं। हालांकि, शॉर्ट टर्म में यह शटडाउन कष्टकारी हो सकता है।
सत्यम पांडे ने बताया कि एक हफ़्ते के आंशिक शटडाउन से जीडीपी में लगभग 6 अरब डॉलर की कमी आ सकती है, जिसे उन्होंने विशाल अमेरिकी अर्थव्यवस्था के संदर्भ में मामूली बताया है।
फेड घटाएगा ब्याज दरें?
सत्यम पांडे ने आगे कहा कि बाज़ार इस बात से भी राहत महसूस कर रहे हैं कि इस राजनीतिक गतिरोध में कोई विवादास्पद डेट लिमिट पर बहस शामिल नहीं है। निवेशक यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि कोई भी आर्थिक कमज़ोरी, चाहे वह शटडाउन के कारण हो या अन्य कारणों से, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व को ब्याज दरों में कटौती करने के लिए मजबूर करेगी।
मंदी की आशंका कम, लेकिन बरकरार
संभावित आर्थिक मंदी के मुद्दे पर सत्यम पांडे ने कहा कि एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी शुरू होने की संभावना को घटाकर 30% से नीचे कर दिया है। यह वर्ष की शुरुआत में व्यापार शुल्क तनाव के चरम पर अनुमानित 35% संभावना से कम है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि कमजोरी बनी हुई हैं, लेबर मार्केट, कंज्यूमर स्पेंडिंग व सेंटिमेंट को लेकर येलो अलर्ट दिखाई दे रहे हैं, और ये सभी हेल्दी लेवल से नीचे बने हुए हैं।
6 महीने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अहम
फेडरल रिजर्व के रुख को लेकर सत्यम पांडे ने कहा कि इसमें धीरे-धीरे नरमी का दौर शुरू होने की उम्मीद है। उनका अनुमान है कि केंद्रीय बैंक अपनी अक्टूबर की बैठक में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा और संभवतः दिसंबर में एक और कटौती करेगा।
पांडे ने कहा कि उनका अनुमान है कि अगले साल के मध्य तक कोर इंफ्लेशन स्थिर रहेगा, जो 3% से थोड़ा ऊपर होगा। मुद्रास्फीति ही मुख्य कारण होगा जिसके चलते फेड दरों में और अधिक आक्रामक कटौती नहीं करेगा, क्योंकि इससे जीडीपी वृद्धि दर में कमी आ सकती है। उन्होंने आगे कहा कि कमज़ोर होते लेबर मार्केट और स्थिर मुद्रास्फीति के बीच का तालमेल अगले 6 महीनों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कारक होगा।
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