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    ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत के निर्यात को चुनौती, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आहट; एक्सपर्ट्स ने क्या दी सलाह?

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 09:33 PM (IST)

    वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर विकास के दौर में है। भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है पर अमेरिकी टैरिफ से निर्यात को चुनौती मिल रही है। टैरिफ का असर दक्षिण एशिया पर भी पड़ेगा जिससे व्यापार वृद्धि और नौकरियों पर असर होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को निर्यात रणनीति बदलनी होगी नए बाजार तलाशने होंगे और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना होगा। आत्मनिर्भरता पर ध्यान देना होगा।

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    ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत के निर्यात को चुनौती, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आहट।

    एजेंसी, नई दिल्ली| वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि ग्लोबल इकोनॉमी कमजोर विकास के दौर में प्रवेश कर रही है। इस दौरान कई प्रणालीगत व्यवधान भी देखने को मिल सकते हैं। भारत के लिए खबर अच्छी और बुरी, दोनों है।

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    अच्छी खबर ये है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। लेकिन बुरी खबर ये कि अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ की वजह से भारत के निर्यात को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।  

    डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकी टैरिफ का असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्थाओं पर भारी पड़ सकता है। इन टैरिफ की वजह से भारत के निर्यातकों को लागत बढ़ने और बाजार में प्रतिस्पर्धा की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

    खासकर उन क्षेत्रों में, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। इससे भारत की व्यापार वृद्धि पर असर पड़ सकता है, जिसका सीधा प्रभाव नौकरियों और आर्थिक विकास पर होगा।  

    रिपोर्ट में चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर भी मिश्रित राय सामने आई है। 56 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चीन में मध्यम वृद्धि देखने को मिल सकती है। वहीं, उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में हालात कुछ हद तक स्थिर रहने की उम्मीद है। लेकिन यूरोप के लिए खबरें अच्छी नहीं हैं।

    40 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यूरोप में कमजोर वृद्धि होगी। दूसरी ओर, अमेरिका में स्थिति और भी चिंताजनक है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वहां वृद्धि या तो कमजोर होगी या बहुत कमजोर रहेगी।  

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    स्थितियों का भारत पर क्या असर?

    इस पूरी स्थिति का भारत पर क्या असर होगा? विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अपनी निर्यात रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। नए बाजार तलाशने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर देना होगा। साथ ही, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की स्थिति को और मजबूत करने की जरूरत है। सरकार और उद्योगों को मिलकर ऐसी नीतियां बनानी होंगी, जो टैरिफ की मार को कम कर सकें।  

    आत्मनिर्भरता पर देना होगा ध्यान

    इसके अलावा, भारत को आत्मनिर्भरता पर और ध्यान देना होगा। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं को और तेज करने की जरूरत है। अगर भारत इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करता है, तो वैश्विक मंदी के इस दौर में भी अपनी मजबूत स्थिति बनाए रख सकता है। लेकिन इसके लिए अभी से ठोस कदम उठाने होंगे।