GST Collection में उछाल, सितंबर में सरकारी खजाने में आए 1.89 लाख करोड़, इन राज्यों का योगदान सबसे ज्यादा
जीएसटी दरों में बड़ी कटौती के बाद सितंबर महीने का जीएसटी कलेक्शन सामने आ गया है। पिछले महीने जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अगस्त में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में यह वृद्धि चार महीनों में सबसे तेज़ है।

नई दिल्ली। जीएसटी दरों में बड़ी कटौती के बाद अब सितंबर जीएसटी कलेक्शन (GST Collection Sep 2025) के आंकड़े आ गए हैं। सरकार की ओर से जारी डेटा के अनुसार, सितंबर में जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अगस्त में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में यह वृद्धि चार महीनों में सबसे तेज़ है। सितंबर में भी उच्च प्रवाह का सिलसिला जारी रहा, जिससे यह लगातार नौवां महीना रहा जब राजस्व 1.8 लाख करोड़ रुपये के स्तर से ऊपर रहा।
दूसरी तिमाही में कर संग्रह 5.71 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछली तिमाही में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मात्र 7.7 प्रतिशत अधिक है।
इन राज्यों से आया सबसे बड़ा कलेक्शन
जीएसटी कलेक्शन के मामले में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात समेत अन्य राज्य टॉप पर रहे। इस लिस्ट में सबसे ऊपर महाराष्ट्र है, जिसने जीएसटी कलेक्शन में 27,762 करोड़ रुपये का योगदान दिया। लेकिन, कलेक्शन ग्रोथ के मामले में मेघालय पहले पायदान पर रहा। वहीं, सबसे कम जीएसटी कलेक्शन 2 करोड़ रुपये लक्षद्वीप और 29 करोड़ रुपये मिजोरम से आया है।
नई दरों के लागू होने के बाद आया डेटा
जीएसटी कलेक्शन का यह आंकड़ा, वस्तु एवं सेवा कर की दरों में कटौती के बाद आया है। 22 सितंबर 2025 से जीएसटी की नई दरें लागू हो चुकी हैं और अब जीएसटी के सिर्फ दो ही स्लैब रखे गए हैं। 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के स्लैब को हटा दिया गया है और 18 व 5 फीसदी स्लैब में ज्यादातर सामानों को रखा गया है। इस जीएसटी सुधार के साथ ही 90 प्रतिशत से ज़्यादा वस्तुएं लोअर कैटेगरी में आ गई हैं। सितंबर में जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है लेकिन, यह अप्रैल में जुटाए गए रिकॉर्ड ₹2.4 लाख करोड़ से कम बना हुआ है। वहीं, जीएसटी की दरों में कटौती के बाद संग्रह में सुस्ती बनी रहने की उम्मीद है।
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भारत के केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि जीएसटी में कटौती आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को गति देने और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से बचाने में मदद करेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को भारत के विकास अनुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत के मुकाबले बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया।
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