शैंपू से लेकर दाल तक...ऑनलाइन कंपनियां GST Rate Cut का फायदा ग्राहकों को दे रहीं या नहीं? होने जा रही कार्रवाई
GST rate cut के बाद सरकार यह देख रही है कि शैंपू से लेकर दाल तक रोजमर्रा के FMCG प्रोडक्ट्स पर हुए GST रेट कट का फायदा ग्राहकों तक पहुंच रहा है या नहीं। सूत्रों के मुताबिक कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों को अनौपचारिक रूप से चेतावनी भी दी गई है। शिकायतें मिल रही थीं कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने टैक्स कम होने के बावजूद दाम में उतनी कमी नहीं की।

नई दिल्ली| GST Rate Cut : केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (GST for e-Commerce) पर सख्ती बढ़ा दी है। सरकार यह देख रही है कि शैंपू से लेकर दाल तक रोजमर्रा के FMCG प्रोडक्ट्स पर हुए GST रेट कट का फायदा ग्राहकों तक पहुंच रहा है या नहीं। सूत्रों के मुताबिक कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों को अनौपचारिक रूप से चेतावनी भी दी गई है।
शिकायतें मिल रही थीं कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने टैक्स कम होने के बावजूद दाम में उतनी कमी नहीं की। इसके बाद राजस्व विभाग ने इन कंपनियों की कीमतों पर नजर रखना शुरू किया है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी हालत में टैक्स कटौती का सीधा फायदा उपभोक्ताओं तक जाना चाहिए।
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कंपनियां बना रहीं क्या बहाना?
जब सरकार ने दाम में गड़बड़ी की बात उठाई, तो कुछ प्लेटफॉर्म्स ने इसे "टेक्निकल गड़बड़ी" बताया। हालांकि सरकार का कहना है कि सख्त निगरानी जारी रहेगी और नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
लागू हो चुका है नया टैक्स स्लैब
22 सितंबर से GST की नई दरें लागू हो गई हैं। अब केवल दो स्लैब हैं- 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। पहले 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें थीं। नए ढांचे से करीब 99% रोजमर्रा के सामान सस्ते हुए हैं।
कई कंपनियों ने की ऐसी पहल
कई कंपनियों ने खुद आगे आकर कहा है कि उन्होंने प्रोडक्ट्स की कीमतें घटाकर टैक्स कटौती का लाभ ग्राहकों को दिया है। हालांकि सरकार अब भी लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।
फील्ड ऑफिसर्स की रिपोर्ट
9 सितंबर को वित्त मंत्रालय ने सेंट्रल GST ऑफिसर्स को चिट्ठी लिखी थी। इसमें कहा गया था कि 54 जरूरी सामानों की कीमतों में बदलाव की रिपोर्ट हर महीने दी जाए। पहली रिपोर्ट CBIC को इस हफ्ते सौंपी जानी है। इसमें ब्रांड-वाइज अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) की तुलना की जाएगी।
स्पष्ट है कि सरकार चाहती है कि GST रेट कट का फायदा सिर्फ कंपनियों तक सीमित न रहे, बल्कि सीधे ग्राहकों तक पहुंचे। यही वजह है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है।
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