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    कर्मचारियों का इंतजार हुआ खत्म, Higher Pension कैलकुलेट करने के लिए EPFO ने लॉन्च किया कैलकुलेटर

    EPFO की ओर से उच्च पेंशन कैलकुलेट करने के लिए कैलकुलेटर लॉन्च कर दिया गया है। इसकी मदद से उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारी आसानी से कैलकुलेट कर सकते हैं कि उन्हें अधिक पेंशन के लिए अतिरिक्त कितना योगदान देना है। इस रिपोर्ट में हमने बताया है कि आप इसे कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 27 Jun 2023 05:30 PM (IST)
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    EPFO का ये कैलकुलेटर Member Seva Portal से डाउनलोड कर सकते हैं।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। EPS के तहत उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारियों के लिए EPFO ने कैलकुलेटर जारी कर दिया है। इसकी मदद से वे आसानी से कैलकुलेट कर सकते हैं कि उन्हें अधिक पेंशन पाने के लिए कितना और पैसा जमा करना होगा।

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    बता दें, जब से ईपीएफओ की ओर से अधिक पेंशन के लिए आवेदन मांगे गए हैं। उस समय से कर्मचारियों के बीच दुविधा बनी हुई थी कि अधिक पेंशन के लिए उन्हें अपने योगदान के अलावा अतिरिक्त कितनी राशि जमा करनी है।

    कैसे डाउनलोड करें EPFO का अधिक पेंशन का कैलकुलेटर?

    • इसके लिए ईपीएफओ के मेंबर सेवा पोर्टल पर लॉग इन करना होगा।
    • फिर पेंशन एप्लीकेशन लिंक पर जाना होगा।
    • Important Links में आपको कैलकुलेटर मिल जाएगा।

    कैसे EPFO का कैलकुलेटर उपयोग कर सकते हैं?

    इस कैलकुलेटर को उपयोग करने के लिए कर्मचारी को ईपीएफ में जुड़ने की तारीख पता होनी चाहिए। इसके बाद कर्मचारी को वेतन की राशि लिखनी होगी। जब से वह इस स्कीम में शामिल हुआ है। अगर आप ईपीएस में नवंबर 1995 से पहले शामिल हुए थे तो आपको नवंबर 1995 और उसके बाद के वेतन को लिखना होगा।

    बता दें, वेतन की जानकारी फरवरी 2023 या आपकी रिटायमेंट, जो तारीख पहले हो करनी होगी। जैसे ही आप सारी जानकारी भरेंगे अतिरिक्त कितना आपको योगदान देना आपके सामने राशि आ जाएगी।

    सरकार की ओर से 3 मई, 2023 को जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया था कि उच्च पेंशन के लिए 1.16 प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान नियोक्ता के शेयर में से लिया जाएगा। ईपीएफ कानून के मुताबिक, सैलरी का 12 -12 प्रतिशत योगदान नियोक्ता और कर्मचारी को ईपीएफ अकाउंट में देना होता है। कर्मचारी का 12 प्रतिशत हिस्सा EPF खाते में जाता है. नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस खाते (वेतन सीमा के अधीन) में जाता है और शेष 3.67 प्रतिशत ईपीएफ खाते में जाता है।