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सारण में कोविड-19 वैक्सीन के रखरखाव के लिए मिले 16 आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर

सारण। कोरोना टीकाकरण को लेकर जिले में व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। वैक्सीन क

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 11:33 PM (IST)
सारण में कोविड-19 वैक्सीन के रखरखाव के लिए मिले 16 आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर

सारण। कोरोना टीकाकरण को लेकर जिले में व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। वैक्सीन को रखने के लिए छह बड़ा व 10 छोटा आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर सदर अस्पताल लाया गया है। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए जगह को भी चिह्नित कर लिया गया है। इनमें ही वैक्सीन को सुरक्षित नियत तापमान पर रखा जाएगा। वहीं प्रखंड स्तर पर भी वैक्सीन को सुरक्षित रखने की योजना पर राज्य स्वास्थ्य समिति कार्य कर रही है। जिला प्रतिरक्षण के कोल्ड चेन टेक्निशियन शक्ति कुमार ने बताया आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर में दो से आठ डिग्री तक तापमान पर तथा डीप फ्रीज में -10 से -25 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है। वैक्सीन को इन्हीं फ्रीज में रखा जाएगा।

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जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा ने बताया कोविड 19 वैक्सीन के रखरखाव के लिए 21 डीप फ्रीजर की मांग की गई है। ऐसी उम्मीद है कि यह सभी उपकरण बहुत जल्द जिले को मिल जाएगा। फिलहाल राज्य मुख्यालय से छह बड़ा 10 छोटा आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर प्राप्त हुआ है। इसके साथ हीं जिलास्तर पर वैक्सीन को रखने के लिए 9000 लीटर क्षमता वाला वाल्क-इन-कूलर की मांग की गयी है। जिले में क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोरेज रूम का बनाया जा रहा है। यहां पर नौ हजार लीटर के क्षमता वाला वाल्क-इन-कूलर स्थापित किया जाएगा। इसको लेकर विभाग की ओर से कार्य तेजी से किया जा रहा है। सारण प्रमंडल में फिलहाल सारण में ही वाल्क-इन कूलर स्थापित किया जाएगा। सिवान व गोपालगंज जिले के आवंटित वैक्सीन को सारण में ही रखा जाएगा। क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोरेज रूम से ही सिवान व गोपालगंज में टीका का सप्लाई होगा।

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है कि उन्हें सबसे पहले टीके की खुराक मिले। टीके के लिए ड्राइविग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे। जिले में अब 7500 सरकारी व 2300 निजी स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा तैयार कर लिया गया है। इन सभी लोगों का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसी तरह से आईसीडीएस के करीब 7000 कर्मियों का डाटा बेस तैयार किया गया है। जिनका प्रथम चरण में टीकाकरण कार्य किया जाना है।


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