Patna High Court : हाई कोर्ट की अवमानना में पटना नगर निगम आयुक्त समेत चार अफसरों को कारण बताओ नोटिस
Patna High Court बिहार में हाई कोर्ट ने पटना नगर निगम आयुक्त समेत चार अन्य अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अवमानना के मामले में जारी हुए इस नोटिस का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। बता दें कि अदालती रोक के बावजूद नगर निगम ने एक कार्यालय को तोड़ने की कार्रवाई की थी।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में हाई कोर्ट अदालती रोक के बावजूद पटना नगर निगम के कार्रवाई करने को लेकर सख्त हो गया है। कोर्ट ने निगम के आयुक्त समेत चार अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
दरअसल, कोर्ट ने यह नोटिस अदालत की अवमानना के मामले को लेकर जारी किया है। मामला कुछ इस प्रकार है कि एक प्रकाशन के कार्यालय को अदालती रोक के बावजूद तोड़ दिया गया।
पटना नगर निगम की इस कार्रवाई से खफा पटना हाई कोर्ट ने पटना नगर निगम आयुक्त समेत चार अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया
न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की खंडपीठ ने शैलजा शेखर के मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम को अपना स्पष्टीकरण देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
यह मामला एक कार्यालय की जमीन से संबंधित विवाद का है। यह पटना नगर निगम के बुद्ध मार्ग स्थित कार्यालय के बगल में है।
नगर निगम ने इसे तोड़ने का निर्देश दिया था, जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में नगर निगम की कार्रवाई को चुनौती दी थी।
एकलपीठ से खारिज हुई थी याचिका
हाई कोर्ट की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर ही दस हजार रुपये का अर्थदंड लगा दिया था।
इसके बाद एकलपीठ के फैसले को एलपीए (अपील) दायर कर चुनौती दी गई, जिस पर न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की खंडपीठ ने 2 फरवरी, 2023 को आदेश पारित कर विवादित जमीन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया।
इसके साथ ही याचिकाकर्ता को राहत देते हुए हाई कोर्ट ने दस हजार रुपये का अर्थदंड देने पर भी रोक लगा दी थी।
11 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद इस मामले पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
इसके बावजूद शनिवार को नगर निगम ने उस कार्यालय को ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई के संज्ञान में आने पर कोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
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